रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी सहित 40 आरोपितों के खिलाफ लालपुर थाना में दर्ज प्राथमिकी में पीड़क कार्रवाई पर रोक को बरकरार रखा है। यह मामला 23 अगस्त 2024 को भारतीय जनता युवा मोर्चा की मोरहाबादी मैदान में आयोजित रैली के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ झड़प से संबंधित है।
मोरहाबादी रैली के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ हुई थी झड़प
मोरहाबादी मैदान में हुई रैली के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ था। इस घटना के बाद लालपुर थाना में कुल 51 नामजद आरोपितों और 12 हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोपितों में बाबूलाल मरांडी, सांसद बीडी राम, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश और अन्य प्रमुख भाजपा नेता शामिल हैं।
रैली के दौरान कार्यकर्ताओं ने हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस, पानी की बौछार और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया, जिसके कारण दोनों पक्षों में हाथापाई हुई और कई लोग घायल हो गए। जिला प्रशासन ने इस घटना के बाद मोरहाबादी मैदान के 500 मीटर दायरे में धारा 144 लागू कर दी थी।
अगली सुनवाई और कोर्ट का आदेश
इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें आरोपितों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की गई थी। राज्य सरकार ने प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने के लिए समय की मांग की, और कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए दो सप्ताह का समय दिया है। इस दौरान हाई कोर्ट ने बाबूलाल मरांडी समेत 40 आरोपितों के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक जारी रखने का आदेश दिया।