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झारखंड हाई कोर्ट में JHALSA और SLMMC की संयुक्त बैठक आयोजित

न्यायिक सेवा, मध्यस्थता की निगरानी और न्याय तक पहुंच के मुद्दों पर हुई विस्तृत चर्चा.

by Reeta Rai Sagar
JHALSA and SLMMC joint meeting at Jharkhand High Court chaired by Justices
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रांची : झारखंड हाई कोर्ट में झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (JHALSA) और राज्य स्तरीय मध्यस्थता निगरानी समिति (SLMMC) की एक महत्वपूर्ण संयुक्त बैठक आयोजित की गई। यह बैठक JHALSA के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता में हुई। SLMMC के चेयरमैन जस्टिस अनिल कुमार चौधरी और सदस्य जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव भी बैठक में मौजूद रहे।

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य में कानूनी सेवा और मध्यस्थता से जुड़े कार्यों की निगरानी करना और उन्हें और अधिक प्रभावी बनाना था। बैठक में राज्य भर में चल रही मध्यस्थता गतिविधियों की समीक्षा की गई और इसे और बेहतर बनाने के लिए सुझावों पर विचार किया गया।

बैठक में यह भी चर्चा हुई कि न्यायिक प्रक्रिया को आम लोगों के लिए कैसे सरल और सुलभ बनाया जाए। इसके साथ ही, राज्य के विभिन्न जिलों में विधिक सहायता केंद्रों की कार्यप्रणाली, मध्यस्थता प्रक्रिया में सुधार और न्यायिक अवरोधों को कम करने पर भी विचार विमर्श किया गया।

बैठक के अंत में सभी सदस्यों ने राज्य में कानूनी जागरूकता फैलाने और विधिक सेवा को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया।

JHALSA – झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण


फुल फॉर्म: Jharkhand State Legal Services Authority
स्थापना : विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत
मुख्य कार्य :
• आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करना
• लोक अदालतों का आयोजन कर त्वरित और सौहार्दपूर्ण समाधान सुनिश्चित करना
• नागरिकों में कानूनी जागरूकता फैलाना
• वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR) पद्धतियों को बढ़ावा देना

JHALSA का उद्देश्य है कि सभी नागरिकों को, चाहे उनकी आर्थिक या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो, न्याय तक समान पहुंच मिले।


SLMMC – राज्य स्तरीय मध्यस्थता निगरानी समिति


फुल फॉर्म : State Level Mediation Monitoring Committee
मुख्य कार्य :
• राज्य के सभी मध्यस्थता केंद्रों की निगरानी और मूल्यांकन करना
• मध्यस्थता प्रक्रिया की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना
• प्रशिक्षित मध्यस्थों की नियुक्ति व उनकी कार्यशैली की समीक्षा
• न्यायिक प्रणाली को कम बोझिल और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए ADR को प्रोत्साहित करना

SLMMC उच्च न्यायालय के मार्गदर्शन में काम करती है और इसका उद्देश्य है विवादों का तेज़, सस्ता और आपसी समझौते पर आधारित समाधान सुनिश्चित करना।

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