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Jamshedpur Development : जमशेदपुर में 3.33 करोड़ की लागत से बनेगा एफएसटीपी प्लांट

सेप्टिक टैंक के कचरे के निस्तारण को मिलेगी राहत

by Mujtaba Haider Rizvi
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Jamshedpur : जमशेदपुर के बिरसानगर स्थित हुरलुंग इलाके में अब घरों से निकलने वाले सीवेज कचरे के निस्तारण के लिए एक आधुनिक एफएसटीपी (Fecal Sludge Treatment Plant) लगाया जाएगा। जेएनएसी (Jamshedpur Notified Area Committee) ने इस परियोजना के लिए तीसरी बार टेंडर जारी किया है। करीब 3 करोड़ 33 लाख रुपये की लागत से बनने वाले इस प्लांट का निर्माण कार्य एक वर्ष के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

जेएनएसी के उप नगर आयुक्त कृष्ण कुमार ने बताया कि इस प्लांट के निर्माण से सेप्टिक टैंक से निकलने वाले कचरे को वैज्ञानिक तरीके से शुद्ध किया जाएगा, जिससे नालों और खेतों में कचरा फेंके जाने की परंपरा पर रोक लगेगी।

अभी की स्थिति क्या है

जेएनएसी क्षेत्र के अधिकतर घरों में निजी सेप्टिक टैंक बने हुए हैं। जब ये टैंक भर जाते हैं, तो उन्हें खाली करने के लिए नगर निकाय या निजी टैंकर बुलाए जाते हैं, जो स्लज को उठा कर खुले में फेंक देते हैं। इससे न केवल प्रदूषण बढ़ता है, बल्कि गंभीर स्वच्छता संकट भी पैदा होता है।

प्लांट से क्या होगा फायदा?

एफएसटीपी प्लांट के संचालन से शहर की सफाई व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। यह प्लांट स्लज से सॉलिड और लिक्विड को अलग करेगा। जहां सॉलिड को खाद के रूप में किसानों को दिया जा सकेगा, वहीं लिक्विड को सिंचाई के लिए प्रयोग किया जा सकेगा। साथ ही यह प्लांट स्वच्छता सर्वेक्षण में जेएनएसी को बेहतर अंक दिलाने में मददगार होगा।

ऐसे काम करेगा प्लांट

घर-घर से एकत्र स्लज को सबसे पहले स्क्रीन चेंबर में डाला जाएगा, जहां से उसे थिकनिंग टैंक में भेजा जाएगा। इसके बाद यह स्लज स्टेबलाइजेशन रिएक्टर में पहुंचाया जाएगा, जहां उसका ट्रीटमेंट होगा। ट्रीटमेंट के बाद बचे लिक्विड को पॉलिशिंग पाउंड में रखा जाएगा और खेतों की सिंचाई के लिए उपयोग किया जाएगा, जबकि सॉलिड से जैविक खाद बनाई जाएगी।अधिकारियों का क्या कहना है?कृष्ण कुमार का कहना है कि दो बार टेंडर निकाले जाने के बावजूद उचित आवेदन न मिलने के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी थी। इस बार उम्मीद है कि ठेकेदार रुचि दिखाएंगे और यह बहुप्रतीक्षित परियोजना जल्द जमीन पर उतर सकेगी।

एफएसटीपी प्लांट जमशेदपुर, विशेष रूप से बिरसानगर व आसपास के क्षेत्रों के लिए एक स्थायी समाधान साबित हो सकता है। यह परियोजना न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगी, बल्कि शहर की सफाई व्यवस्था को भी एक नया आयाम देगी।

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