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JHARKHAND : आदेश के एक साल बाद भी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले अधिकतर बच्चों की नहीं बन सकी जाति प्रमाण प्रत्र, योजनाओं से वंचित हो रहे बच्चे, सरकार ने सभी जिलों से मांगी रिपोर्ट

by Rakesh Pandey
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जमशेदपुर: राज्य के सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत 1 से 12वीं कक्षा के ओबीसी, एससी व एसटी छात्रों का जाति प्रमाण पत्र बनाने में देरी को सरकार ने गंभीरता से लिया है। इसे लेकर कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के सचिव पवीण कुमार टोप्पो ने सभी उपायुक्तों को पत्र जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी आरक्षित वर्ग के बच्चों का जाति प्रमाणपत्र बनाने का निर्देश जारी है।

इसके बाद भी बड़ी संख्या में बच्चों का प्रमाण पत्र नहीं बन सका है। ऐसे में 16 जून को सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी बच्चों का जाति प्रमाणपत्र निर्गत कर उसे विरित करने का निदेश दिया गया है। ऐसे में सभी जिले जाति प्रमाणपत्र की विवरणी dopjharkhand@gmail.com पर भेजने को कहा गया है। इसमें जिले के स्कूलों में नामांकित बच्चों की संख्या जिन्हें जाति प्रमापत्र निर्गत किया जाना है।

कितने का प्रमाण पत्र निर्गत किया जा चुका है और कितने को किया जाना है। की जानकारी देने को कहा गया है। मिली जानकारी के सरकार इसकी समीक्षा करेगी और जहां प्रमाणपत्र बनाने में लापरवाही की बात सामने आएगी वहां संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।

जाति प्रमाणपत्र बनाने के लिए पिछले वर्ष जारी हुआ था आदेश:

सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का जाति प्रमाण पत्र बनाने का आदेश कार्मिक विभाग ने 16 मार्च 2022 को जारी किया था। ऐसे में आदेश जारी होने को 15 महीने से अधिक समय बीत गया है। लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में बच्चों का प्रमाणपत्र निर्गत नहीं हुआ है। इसकी वजह से छात्र सरकार की ओर से मिलने वाले सभी प्रकार की सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं। यही वजह है कि सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है।

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