Jamshedpur : टाटा मोटर्स की टाउनशिप क्षेत्र में एआरसी (ऐनुअल रेट कांट्र्रैक्ट ) सिविल ठेका मजदूरों ने गुरुवार को जोरदार हंगामा किया। मजदूरों का कहना है कि टाटा मोटर्स प्रबंधन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए क्वार्टर आदि की मरम्मत समेत सिविल का सारा काम बंद कर दिया है, जिससे उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
बताया जा रहा है कि हफ्ता भर पहले काम के दौरान एक मजदूर ऊपर से गिर गया था। इसके बाद से टाटा मोटर्स टाउनशिप ने काम बंद कर दिया है। इससे लगभग 150 लोगों को काम नहीं मिल पा रहा है। मजदूरों का कहना है कि वह हफ्ते भर से रोज टाटा मोटर्स टाउनशिप आ रहे हैं मगर, काम नहीं मिलने से शाम को खाली हाथ वापस लौट रहे हैं। उनके घर में चूल्हा कैसे जले।
काम नहीं मिलने से यह लोग बेरोजगार हो गए हैं। इनमें पेंटर, मजदूर, सुपरवाइजर, सिविल मिस्त्री आदि शामिल हैं। यह लोग वेंडर के तहत काम करते हैं। इन वेंडरों में मोहन ठाकुर, मुन्ना सिंह और समृद्धि आदि हैं। मजदूरों ने वेंडरों से भी संपर्क साधा है। वेंडरों ने मजदूरों को आश्वासन दिया है कि वह टाटा कंपनी के अधिकारियों से बात करेंगे। मजदूरों का कहना है कि वह लोग यहां 40 साल से एआरसी का काम कर रहे हैं। मजदूरों ने कहा कि वे क्वार्टरों की मरम्मत और साफ-सफाई का कार्य करते हैं और उनका काम फैक्ट्री के अंदर नहीं होता। बावजूद इसके, 4 जून 2025 को फैक्ट्री के भीतर हुई दुर्घटना के बाद सावधानी के नाम पर टाउनशिप का काम भी बंद कर दिया गया।
मजदूरों का दर्द
ठेका मजदूरों का कहना है कि उन्हें महीने भर भी पूरा काम नहीं मिलता, और अब बीते 8 दिनों से काम पूरी तरह बंद है। ऐसे में उनके परिवारों का गुजारा करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि काम बंद कर प्रबंधन उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है।
प्रबंधन की स्थिति
टाटा मोटर्स प्रबंधन ने मजदूरों को दूरभाष पर मजदूरी देने की बात कही है, लेकिन टाटा स्टील यूआइएसएल प्रबंधन ने इस विषय में अनभिज्ञता जताई है। इससे मजदूरों में और अस्पष्टता व नाराजगी है। मजदूरों ने डीएलसी (डिप्टी लेबर कमिश्नर) से आग्रह किया है कि वे दोनों प्रबंधन से बात कर मामले का जल्द समाधान करें और काम बंदी के दौरान की मजदूरी दिलवाएं।
मजदूरों की मांग
- काम जल्द शुरू कराया जाए।
- बंदी के दौरान की मजूदरी दी जाए।
- भविष्य में इस तरह के अचानक काम बंद करने से पहले मजदूरों को सूचित किया जाए।
- मजदूरों की रोज़गार सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।