खूंटी : झारखंड के खूंटी जिले में आम के बंपर उत्पादन की संभावना जताई जा रही है। यहां के कृषि विशेषज्ञों और किसानों का मानना है कि अगर मौसम ने साथ दिया और समय पर बारिश हो गई, तो आम के बंपर उत्पादन की संभावना है। आम्रपाली, मालदा, दशहरी और बीजू आम के साथ-साथ अन्य प्रजातियों के उत्पादन में भी वृद्धि हो सकती है।
बारिश न होने पर समस्या
ग्रामीणों के अनुसार, बारिश न होने पर आम के मंजर सूख सकते हैं और मधुआ रोग का असर भी आम की फसल पर पड़ सकता है। तोरपा प्रखंड के किसान प्रेमजीत भेंगरा कहते हैं कि अगर मार्च और अप्रैल में बारिश हुई तो आम का उत्पादन अच्छा हो सकता है, लेकिन ओलावृष्टि से मंजरों को नुकसान भी हो सकता है।
खूंटी जिले की विशेष पहचान
खूंटी जिले ने आम के उत्पादन में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। यहां बीजू आम के अलावा अन्य प्रजातियों जैसे दशहरी और आम्रपाली की भी अच्छी पैदावार होती है। खूंटी के आम का स्वाद न केवल झारखंड, बल्कि बंगाल, ओडिशा और नेपाल में भी पसंद किया जाता है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि खूंटी की जलवायु और भौगोलिक स्थिति आम की खेती के लिए आदर्श है।
तोरपा प्रखंड है आम उत्पादन का प्रमुख केंद्र
खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड को आम उत्पादन का हब माना जाता है। बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत यहां लगभग चार हजार किसान आम की खेती करते हैं। तोरपा प्रखंड में करीब सात से आठ सौ एकड़ में आम की बागवानी की जाती है, जो पूरे झारखंड में सबसे अधिक है।
कृषि विज्ञान केंद्र की सलाह
तोरपा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दीपक राय ने कहा कि इस समय आम के पेड़ पर मंजर अच्छे हैं। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे बागवानी की देखभाल में कोई कसर न छोड़ें। साथ ही भुनगा कीट की संभावना को लेकर चेतावनी दी, जो मंजर को समाप्त कर सकता है। उन्होंने इसके इलाज के लिए एमिडाक्लोप्रीड 17.8% एस एल/0.3 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने की सलाह दी। इस प्रकार, खूंटी जिले में आम के बंपर उत्पादन की उम्मीद बनी हुई है, बशर्ते मौसम सही बना रहे और किसानों द्वारा कृषि की उचित देखभाल की जाए।