Dhanbad (Jharkhand) : झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन का नौवां प्रांतीय अधिवेशन सोमवार को धनबाद जिले के गोविंदपुर में धूमधाम से संपन्न हुआ। इस महत्वपूर्ण अधिवेशन में रांची जिले से 60 सदस्यों सहित झारखंड राज्य के विभिन्न जिलों से आए 550 से अधिक प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण वह क्षण रहा जब अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाशपति तोदी ने नव-निर्वाचित प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश चंद्र अग्रवाल को पद की शपथ दिलाई और उन्हें विधिवत रूप से पदभार ग्रहण कराया।
सुरेश अग्रवाल का अभिनंदन
रांची जिला मारवाड़ी सम्मेलन के प्रतिनिधियों ने इस अवसर पर नव-निर्वाचित प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश चंद्र अग्रवाल को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने अग्रवाल को पुष्पगुच्छ भेंट किया और शॉल ओढ़ाकर उनका अभिनंदन किया। इसके साथ ही, झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन ने भी रांची जिला मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट जनसेवा कार्यों और व्यापक स्तर पर चलाए जा रहे सदस्यता अभियान की सराहना करते हुए उन्हें सम्मानित किया।
अधिवेशन में कई गणमान्य व्यक्तियों की रही उपस्थिति
अधिवेशन में कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष गोवर्धन प्रसाद गाड़ोदिया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, जबकि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजकुमार केडिया ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। धनबाद के सांसद ढुल्लू महतो, निवर्तमान प्रांतीय अध्यक्ष बसंत कुमार मित्तल, ओम प्रकाश अग्रवाल और रवि शंकर शर्मा भी इस अवसर पर मौजूद थे। कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।
नई उमंग स्मारिका का विमोचन
इस अधिवेशन के दौरान “नई उमंग” नामक एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया। इस स्मारिका के संपादन मंडल में अशोक कुमार नारसरिया, कमल कुमार केडिया और निर्मल बुधिया शामिल हैं।
समाज की शक्ति और समर्पण का प्रतीक: नंद लाल अग्रवाल
स्वागत भाषण देते हुए नंद लाल अग्रवाल ने इस आयोजन को समाज की शक्ति, संस्कृति और समर्पण का प्रतीक बताया।
वैचारिक आंदोलन के रूप में स्थापित करना प्राथमिकता: सुरेश चंद्र अग्रवाल
पदभार ग्रहण करने के बाद नव-निर्वाचित प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश चंद्र अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता मारवाड़ी सम्मेलन को केवल एक सामाजिक संगठन के रूप में ही नहीं, बल्कि एक वैचारिक आंदोलन के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने जोर दिया कि हमें अपनी परंपराओं को आगे बढ़ाते हुए आधुनिक चुनौतियों का सामना संगठित होकर करना होगा। उन्होंने युवाओं और मातृशक्ति को समाज के दो मजबूत स्तंभ बताते हुए उनकी भागीदारी को निरंतर बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। अधिवेशन का संचालन पूर्व प्रांतीय महामंत्री पवन शर्मा ने किया।
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