रांची : झारखंड के डुमरी विधायक और झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के प्रमुख जयराम महतो अपनी बिंदास और साहसी शैली के लिए जाने जाते हैं। चुनाव जीतने के बाद से उनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें वे जनता की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हैं और तुरंत अधिकारियों से कार्रवाई करने की अपील करते हैं। हाल ही में एक नया वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें उन्होंने सरकारी कर्मचारी को घूसखोरी की शिकायत के बाद कड़ी फटकार लगाई है।
घूसखोरी की शिकायत पर नाजिर को जमकर फटकार
वायरल वीडियो में दिख रहा है कि जयराम महतो अंचल कार्यालय के नाजिर से फोन पर बात कर रहे हैं। वीडियो में वे नाजिर को चेतावनी देते हुए कहते हैं, “अगर घूस की रकम वापस नहीं की गई तो फिर सुरक्षा बल लेकर आना होगा।” विधायक ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि “नाजिर हो या प्रधानमंत्री, अगर आप विधायक से इस अंदाज में बात करेंगे तो मैं आपको पीट कर रख दूंगा।”
दरअसल, यह पूरा मामला घूसखोरी से जुड़ा हुआ था, जहां कुछ स्थानीय लोग महतो के पास शिकायत लेकर पहुंचे थे। उन्होंने बताया था कि अंचल कार्यालय के कर्मचारी ने उनसे 10,000 रुपये घूस लिया है और फिर भी उनका काम नहीं हो रहा है। इसके बाद महतो ने तुरंत कार्रवाई करते हुए नाजिर को फटकार लगाई।
पत्रकारों के सवालों का जवाब
जब इस वीडियो के बारे में पत्रकारों ने जयराम महतो से सवाल किया, तो उन्होंने इस वीडियो को सही बताते हुए कहा कि यह भाषा शायद ठीक नहीं थी, लेकिन इस मामले में सरकारी कर्मचारी ने एक गरीब मजदूर से पैसे लिए थे। महतो ने कहा, “अगर सरकारी अधिकारी ईमानदारी से काम करेंगे, तो ऐसी भाषा की जरूरत नहीं पड़ेगी।”
विधायक ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि “यह एक मिस्टेक हो सकता है, लेकिन किसी भी गलत काम पर कड़ी प्रतिक्रिया देने की जरूरत होती है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि भाषा में बदलाव सामने वाले पर निर्भर करता है और जहां संविधान की आवश्यकता होती है, वहां संविधान के अनुसार ही काम किया जाएगा, लेकिन जहां कड़ी कार्रवाई की जरूरत होती है, वहां वह सख्ती से पेश आएंगे।
जयराम महतो की नेतृत्व शैली
विधायक जयराम महतो का यह कड़ा रुख उनके नेतृत्व की एक झलक है, जिसमें वे जनता के हितों की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार की चूक को बर्दाश्त नहीं करते। उनके इस साहसिक कदम को जहां कुछ लोग उनके दृढ़ नेतृत्व के रूप में देख रहे हैं, वहीं कुछ लोग उनकी भाषा को लेकर आलोचना भी कर रहे हैं।
जयराम महतो ने यह साबित कर दिया है कि वे अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटते और हर गलत काम के खिलाफ खुलकर आवाज उठाने के लिए तैयार हैं। हालांकि, उनके इस अंदाज को लेकर अभी भी काफी बहस जारी है कि क्या एक नेता को ऐसी भाषा का प्रयोग करना चाहिए या नहीं।