रांची : पैनम कोल माइंस के खिलाफ अवैध खनन की सीबीआई जांच और विस्थापितों के पुनर्वास की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। मंगलवार की सुनवाई में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के जवाब से असंतुष्टि व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा दिए गए जवाब में स्पष्टता की कमी है। हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वह मामले पर बिंदुवार और स्पष्ट जवाब दाखिल करे। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी।
पैनम कोल पर क्या है आरोप?
पैनम माइंस कंपनी को वर्ष 2015 में झारखंड सरकार ने पाकुड़ और दुमका जिलों में कोयला खनन का लीज दिया था। लेकिन कंपनी पर आरोप है कि उसने खनन लीज से अधिक खनन किया, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। इस मामले में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है, और हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है।