पलामू : झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने गुरुवार को पांकी अमानत बराज का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जल संसाधन विभाग के सीनियर अधिकारियों, इंजीनियरों और पलामू जिला प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बराज की स्थिति का जायजा लिया। मंत्री ने अधिकारियों के साथ मिलकर इस परियोजना के अधूरे काम को फिर से गति देने की दिशा में विचार किया।
15 फरवरी तक मुआवजा भुगतान का लक्ष्य
वित्त मंत्री ने कहा कि 15 फरवरी तक बराज के लिए मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि 30, 31 जनवरी और 1 फरवरी को बराज परिसर में एक विशेष कैंप आयोजित किया जाएगा। इस कैंप में वे ग्रामीण जिनकी ज़मीन बराज के निर्माण क्षेत्र में अधिग्रहीत की गई है, अपने मुआवजे के दावे दर्ज कर सकते हैं। इस अभियान में विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी, अपर समाहर्ता, और अंचलाधिकारी शामिल होंगे, जो मुआवजे से जुड़ी सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी करेंगे।
23,000 हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि पांकी अमानत बराज का निर्माण पूरा होने के बाद 23,000 हेक्टेयर भूमि सिंचित हो सकेगी। इस परियोजना से पांकी, पाटन, और छतरपुर के किसानों को विशेष लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस परियोजना के अधूरे निर्माण को पूरा करने में लंबा समय लगा है, लेकिन अब उनकी कोशिश है कि जल्द से जल्द इसका काम पूरा कर किसानों को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराया जा सके।
ग्रामीणों की समस्याओं पर मंत्री का ध्यान
वित्त मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि जो ग्रामीण बराज के डूब क्षेत्र में आ रहे हैं और जिनका प्रधानमंत्री आवास या अबुआ आवास स्वीकृत हुआ है, उन्हें प्रावधान के तहत नई जगह पर आवास बनाने की अनुमति दी जाएगी। इस दौरान नुरू गांव के ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं का उल्लेख किया और पुलनुमा रास्ता बनाने की मांग की, ताकि उनका गांव टापू बनने से बच सके। अन्य ग्रामीणों ने अपने मकान, पेड़-पौधे और जमीन का मुआवजा देने की अपील की।
अधिकारियों की उपस्थिति
मंत्री के निरीक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग के सीनियर अधिकारी, उपायुक्त शशि रंजन, उपविकास आयुक्त शब्बीर अहमद, एसडीओ सुलोचना मीणा और अन्य कई अधिकारी मौके पर उपस्थित थे।