Ranchi (Jharkhand) : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के बेटे कृष के कथित तौर पर अस्पतालों का निरीक्षण करने के मामले ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस मुद्दे को लेकर इरफान अंसारी पर जमकर हमलावर है, वहीं स्वास्थ्य मंत्री खुद अपने बेटे के बचाव में खुलकर सामने आ गए हैं। दरअसल, पूर्व मंत्री भानुप्रताप शाही ने एक वीडियो पोस्ट कर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी पर तीखा कटाक्ष किया है।
भानुप्रताप शाही ने दी नाम बदलने की सलाह
भाजपा नेता और पूर्व विधायक भानु प्रताप शाही ने तो स्वास्थ्य मंत्री को उनके बेटे का नाम बदलने तक की सलाह दे डाली है। भानु प्रताप शाही ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया है। इस वीडियो में पूर्व विधायक इरफान अंसारी के पुत्र कृष अंसारी के अस्पताल निरीक्षण का मुद्दा उठाते हुए कहते हैं कि आप तो मंत्री थे, अब आपने अपने बेटे को भी मंत्री की पावर दे दी।
शाही ने मंत्री पुत्र के नाम को लेकर क्या कहा?
इसके बाद वह व्यंग्यात्मक लहजे में कहते हैं, “बेटे का नाम अच्छा रखा है कृष, अगर कृष की जगह पर कृष्ण नाम होता तो और भी अच्छा होता। हम लोग इसे घर वापसी मांगते। विचार कीजिए और कृष का नाम कृष्ण कर दीजिए। आइये हनुमान चालीसा पढ़ते हैं दोनों भाई।”
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी का पलटवार
बेटे पर किए गए इस कटाक्ष के बाद स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने भी पलटवार करने में देर नहीं लगाई। उन्होंने भानुप्रताप शाही पर निशाना साधते हुए कहा कि जब आप जेल में थे, तो आपके पिता मंत्री बने थे। और जब आप जेल से बाहर निकले, तो आपने अपने पिता हेमंत प्रताप देहाती को धक्का देकर जबरन मंत्री पद से इस्तीफा दिलवा दिया था। भानु जी, उस वक्त आपकी नैतिकता कहां चली गई थी?
‘पिता को मंत्री पद से वंचित कर खुद कुर्सी पर काबिज हो गए’
इरफान अंसारी ने आगे कहा कि पिता को मंत्री पद से वंचित कर खुद कुर्सी पर काबिज हो गए और आपके कार्यकाल में घोटाले पर घोटाले होते रहे और आप सब कुछ देखते रहे… उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि खबरदार जो मेरे पुत्र कृष अंसारी के बारे में कुछ भी कहा। मेरा पुत्र गंगा की तरह पवित्र मंशा से रिम्स गया था और जब-जब किसी इंसान को कृष की जरूरत पड़ेगी, वह निश्चित रूप से जाएगा। रिम्स किसी की बपौती नहीं है। कृष में एक समाजसेवी और देशभक्त का खून दौड़ रहा है। मानवता की पुकार पर कृष सौ बार वहां जाएगा, जहां उसकी जरूरत होगी।
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