रांची : झारखंड में कृषि विभाग ने कहा है कि राज्य में दस बीज ग्राम की स्थापना की जाएगी, जिसका उद्देश्य राज्य में उन्नत बीज की कमी दूर करना और किसानों को बेहतर बीज मुहैया कराना है। इस पहल के तहत पश्चिम सिंहभूम, चतरा और लातेहार के दस गांवों के साथ गुरुवार को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
बीज ग्राम की स्थापना का उद्देश्य
रांची के हेसाग स्थित पशुपालन भवन में कृषि, पशुपालन और सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने विभागीय समीक्षा बैठक में इस योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में हमेशा से उन्नत बीज की कमी रही है, और किसानों को डिमांड के अनुरूप बीज उपलब्ध नहीं हो पाता। इसे देखते हुए कृषि विभाग ने दस अलग-अलग गांवों को बीज ग्राम के तौर पर विकसित करने का निर्णय लिया है।
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने आगे बताया कि किसानों द्वारा तैयार बीज को राज्य सरकार खरीदेगी, और फिर इसे तय सब्सिडी दर पर राज्य के अन्य किसानों के बीच वितरित किया जाएगा। इससे राज्य में बीज की उपलब्धता बढ़ेगी और किसानों को बेहतर बीज मिल सकेगा, जो उनकी उपज को बढ़ाने में मदद करेगा।
मडुवा के किसानों को मदद
समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री ने मडुवा उत्पादन करने वाले राज्य के 1400 किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से राशि हस्तांतरित करने की भी जानकारी दी। राज्य सरकार मडुवा की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ तीन हजार रुपये की सहायता प्रदान करती है। विभाग पंचायत स्तर पर मडुवा की खेती की मैपिंग करता है, जिससे किसानों को समय पर मदद मिल सके।
एफपीओ को मजबूत करने का प्रयास
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने बैठक में एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) को मजबूत करने के लिए विभागीय प्रयासों को भी साझा किया। इस क्रम में लोहरदगा के एफपीओ को 15 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है। उन्होंने अधिकारियों को योजनाओं को तेजी से लागू करने के लिए कई दिशा-निर्देश दिए और राज्य में कृषि व पशुपालन क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए बेहतर रणनीतियां बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।