Jamshedpur (Jharkhand) : झारखंड यूनिवर्सिटी टीचर्स असोसिएशन (जुटान) ने सहायक प्राध्यापकों की प्रोन्नति में हो रही देरी को लेकर बड़ा कदम उठाने का एलान किया है। रविवार को अध्यक्ष जगदीश लोहरा की अध्यक्षता में आयोजित ऑनलाइन बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर जुलाई माह में प्रोन्नति प्रक्रिया में ठोस प्रगति नहीं हुई, तो 8 अगस्त 2025 से राज्यव्यापी उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा।
मौजूदा हालात में सेवानिवृत्त होने तक भी प्रोन्नति की संभावना नहीं : जुटान
बैठक में शिक्षकों ने खुलकर नाराजगी जताई कि यूनिवर्सिटी स्टैच्युट के अनुसार पीएचडी धारक सहायक प्राध्यापकों को वर्ष 2023 तक और बिना पीएचडी के शिक्षकों को मार्च 2025 तक प्रोन्नत होकर विश्वविद्यालय प्रोफेसर बन जाना चाहिए था। लेकिन, मौजूदा हालात में कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है और इससे अधिकांश शिक्षक-शिक्षिकाओं के सेवानिवृत्त होने तक भी प्रोन्नति की संभावना नहीं दिख रही।
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अब नहीं चाहिए चरणबद्धता, त्वरित निर्णय की जरूरत
बैठक में शिक्षकों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि अब चरणबद्ध प्रक्रिया नहीं, बल्कि तात्कालिक और न्यायोचित प्रोन्नति की आवश्यकता है। इस दिशा में जुलाई महीने में विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जाएंगे। अगर परिणाम नहीं निकला, तो आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे। जुटान के संयोजक कंजीव लोचन ने कहा कि जैसे पुरानी पेंशन योजना के लिए राज्य भर के शिक्षक एकजुट हुए थे, वैसे ही प्रोन्नति के लिए भी व्यापक एकता जरूरी है। उन्होंने वर्ष 2025 के अंत तक कम से कम एसोसिएट प्रोफेसर का दर्जा पाने के लिए सभी को संघर्ष के लिए कमर कसने की अपील की।
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आंदोलन के लिए स्टीयरिंग कमेटी का गठन
आंदोलन की योजना को व्यवस्थित रूप देने के लिए एक स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षक नेता शामिल हैं :
- डॉ. संजय प्रियम्वद : सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय
- डॉ. भृगुनन्दन सिंह : विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय
- डॉ. उमेश कुमार : रांची विश्वविद्यालय
- डॉ. ऋचा सिंह : नीलाम्बर पीताम्बर विश्वविद्यालय
- डॉ. अशोक कुमार रवानी एवं प्रो. इंदल पासवान : कोल्हान विश्वविद्यालय
- डॉ. सुबोध सिंह शिवगीत : विनोबा भावे विश्वविद्यालय
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आंदोलन को धार देने के लिए विश्वविद्यालयों का दौरा
आंदोलन की रणनीति और शिक्षकों को संगठित करने के उद्देश्य से जगदीश लोहरा और डॉ. सुबोध सिंह शिवगीत 8 जुलाई (मंगलवार) से राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों का दौरा करेंगे। इसके तहत शिक्षक-शिक्षिकाओं से संवाद कर राज्यव्यापी एकजुटता का संदेश दिया जाएगा।
बैठक में शामिल हुए कई शिक्षक, दिनकर की पंक्तियों से मिली प्रेरणा
बैठक में डॉ. समीरा सिन्हा, डॉ. संगीता बिरुआ, डॉ. किरण, डॉ. लाडली, डॉ. विनय भरत, डॉ. घनश्याम, डॉ. रणजीत, पृथ्वीराज नायक समेत राज्य के कई विश्वविद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल हुए।अंत में डॉ. अशोक कुमार रवानी ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रेरणादायक पंक्तियों “याचना नहीं अब रण होगा, संघर्ष बड़ा…” के साथ आभार ज्ञापन करते हुए आंदोलन को जनांदोलन बनाने की अपील की।