Ranchi : झारखंड में मतदाता सूची को लेकर एक भी अपील लंबित नहीं है। यह राज्य की निर्वाचन पारदर्शिता और प्रशासनिक तत्परता का बड़ा प्रमाण है। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) ने जानकारी दी कि झारखंड के सभी 24 जिलों में मतदाता सूची में संशोधन को लेकर न तो किसी जिला निर्वाचन पदाधिकारी (DEO) के पास और न ही मुख्यालय स्तर पर कोई आपत्ति विचाराधीन है।
सबकुछ तय प्रक्रिया से हुआ
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के प्रावधानों के तहत हर मतदान केंद्र पर एक बूथ लेवल अधिकारी (BLO) नियुक्त किया जाता है, जो मतदाता सूची के सत्यापन और अद्यतन के लिए जिम्मेदार होता है। नाम जोड़ने के लिए फॉर्म-6, नाम हटाने के लिए फॉर्म-7, और सूची में किसी भी प्रकार का सुधार करने के लिए फॉर्म-8 का उपयोग किया जाता है। इसके बाद BLO द्वारा जमीनी सत्यापन होता है और फिर निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ERO) अंतिम निर्णय लेता है।
अपील प्रक्रिया है पूरी तरह पारदर्शी
यदि किसी व्यक्ति को ERO के निर्णय से असहमति होती है तो वह प्रथम अपील DEO के समक्ष और उसके बाद द्वितीय अपील CEO कार्यालय में कर सकता है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24(क) के तहत यह व्यवस्था सुनिश्चित की गई है कि हर मतदाता को उचित और न्यायोचित मौका मिले।
2.62 करोड़ से अधिक मतदाता
झारखंड में करीब 2.62 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं और 29,000 से अधिक बूथ लेवल अधिकारी घर-घर जाकर सत्यापन एवं नये मतदाताओं के पंजीकरण का कार्य कर चुके हैं। इस दौरान राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) ने भी सूचियों के सत्यापन में योगदान दिया।
संतोषजनक स्थिति
वर्तमान में न तो किसी DEO और न ही CEO कार्यालय के समक्ष मतदाता सूची में संशोधन से जुड़ी कोई अपील लंबित है। इसका अर्थ है कि झारखंड की मतदाता सूची में पूर्ण पारदर्शिता, संतुष्टि और कानूनी प्रक्रिया का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया गया है।