Gumla (Jharkhand) : झारखंड के गुमला जिले की पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान में एक बड़ी सफलता मिली है। सुरक्षा बलों ने प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जेजेएमपी (झारखंड जनमुक्ति परिषद) के सबजोनल कमांडर फिरोज अंसारी को गिरफ्तार कर लिया है। फिरोज पर राज्य सरकार ने 5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
गुप्त सूचना के आधार पर जंगल में चलाया गया अभियान
पुलिस अधीक्षक हरिश बिन जमां ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार राज्यभर में नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में उन्हें सूचना मिली कि बिशुनपुर थाना क्षेत्र के घाघरा जंगल में जेजेएमपी के उग्रवादियों का दल भ्रमणशील है। उसके बाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुरेश प्रसाद यादव और पुलिस निरीक्षक विनय कुमार के नेतृत्व में एक विशेष छापेमारी दल का गठन किया गया।
गिरफ्तारी के दौरान भागे उग्रवादी, फिरोज अंसारी पकड़ा गया
पुलिस टीम जब जंगल में पहुंची तो उग्रवादी पुलिस को देखकर भागने लगे। इस दौरान एक उग्रवादी को खदेड़ कर गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने अपना नाम फिरोज अंसारी (26 वर्ष) बताया, जो लोहरदगा जिले के रूबेद गांव का रहने वाला है।
बरामद हथियार, उपकरण व अन्य सामग्री
गिरफ्तारी के दौरान फिरोज के पास से एक 303 रायफल, 303 रायफल की 200 जिंदा गोलियां, 7.62 मिमी की 150 राउंड गोलियां (कुल 350 गोलियां), 3 स्मार्टफोन व 2 कीपैड फोन, 2 डायरी, 1 जियो राउटर और एक पिट्ठू बैगबरामद किया गया। पुलिस ने इन सभी हथियार, उपकरण व सामग्री को जब्त कर लिया है।
फिरोज के खिलाफ 11 आपराधिक मामले हैं दर्ज, पहले भी जा चुका है जेल
एसपी ने बताया कि फिरोज पहले भाकपा माओवादी संगठन से जुड़ा था। बाद में वह जेजेएमपी में सक्रिय हो गया। वह पहले भी जेल की सजा काट चुका है और रिहा होने के बाद दोबारा अपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो गया।
उसके खिलाफ लोहरदगा जिले के जोबांग थाना में 2, सेन्हा थाना में 3, लातेहार थाना में 4, तथा गुमला जिले के कुरूमगढ़ और चैनपुर थाना में 2 केस, इस प्रकार कुल 11 मामले दर्ज हैं। ये मामले भादवि, आर्म्स एक्ट और सीएलए एक्ट के तहत दर्ज हैं।
छापेमारी टीम की भूमिका
पुलिस की इस कामयाबी में एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव, निरीक्षक विनय कुमार, थाना प्रभारी राकेश कुमार सिंह (बिशुनपुर), थाना प्रभारी पुनीत मिंज (घाघरा), पुअनि तरुण कुमार, मो. जहांगीर, आरक्षी नीरज कुमार और गुमला की क्यूआरटी एवं रिजर्व गार्ड के सदस्यों की भूमिका अहम रही।