श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में एक और आतंकवादी हमले ने सुरक्षा स्थिति को गंभीर बना दिया है। गुरुवार को हुए इस हमले में गंभीर रूप से घायल दो जवान शहीद हो गए। यह हमला एक हफ्ते के भीतर चौथा आतंकवादी हमला है। इससे पहले मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले में जेड-मोड़ सुरंग निर्माण स्थल पर आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की थी, जिसमें छह गैर-स्थानीय मजदूरों और एक स्थानीय डॉक्टर की जान चली गई थी। 18 अक्टूबर को शोपियां जिले में एक बिहार के मजदूर की भी आतंकियों ने हत्या की थी और हाल ही में पुलवामा जिले में एक उत्तर प्रदेश के मजदूर को भी गोली मारी गई थी।
आतंकवादियों ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के गुलमर्ग से छह किलोमीटर दूर एक सैन्य वाहन पर अचानक हमला किया। सेना के अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने देर शाम को बोटा पाथरी क्षेत्र में उस समय गोलीबारी की जब वाहन अफरवत रेंज में नागिन चौकी की ओर बढ़ रहा था। इस हमले के बाद, सेना के जवानों ने जवाबी फायरिंग की और पूरे क्षेत्र को घेर लिया गया।
क्षेत्र में बढ़ते हमले
गुलमर्ग का बोटा पाथरी क्षेत्र हाल ही में पर्यटकों के लिए खोला गया था, जिससे यह हमला और भी चिंताजनक है। सुरक्षा एजेंसियों को पिछले कुछ महीनों से ऐसी खबरें मिल रही थीं कि एक आतंकवादी समूह ने गर्मियों में घुसपैठ की थी और अफरवत रेंज के ऊंचे इलाकों में सक्रिय हो गया था। यह स्थिति इस बात का संकेत है कि आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हो रही है, जो स्थानीय और बाहरी दोनों ही लोगों के लिए खतरा पैदा कर रही है।
घटना के बाद आयीं राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस हमले के बाद, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे गंभीर चिंता का विषय बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि बोटा पाथरी इलाके में सेना के वाहनों पर हुए हमले की खबर अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए हताहतों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायल सैनिकों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी इस हमले की निंदा की और इसे कश्मीर में बढ़ते आतंकवादी हमलों की श्रृंखला का एक हिस्सा बताया। भाजपा के जम्मू-कश्मीर अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह शांति और सौहार्द को अस्थिर करने की कोशिश है।
सुरक्षा बलों की तैयारी
इन घटनाओं के बाद, सेना और सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया है। स्थानीय नागरिकों को सुरक्षा बलों का सहयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि आतंकवादियों की गतिविधियों को समाप्त किया जा सके।
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