खूंटी: झारखंड के खूंटी जिले में बहुप्रतीक्षित 100 बेड वाले सदर अस्पताल भवन का निर्माण पांच वर्षों से अधूरा पड़ा है। 58 करोड़ रुपये की लागत से बन रही इस अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधा वाले अस्पताल भवन में गंभीर निर्माण अनियमितताओं का मामला सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग ने अब इस परियोजना की प्रगति और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।
Health Infrastructure in Jharkhand : पांच वर्षों से अधूरा पड़ा निर्माण कार्य, उपकरण हो रहे खराब
खूंटी जिला गठन के वर्षों बाद यह पहला बड़ा सरकारी स्वास्थ्य संस्थान बन रहा है, जिसकी आधारशिला पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के प्रयास से रखी गई थी। भवन निर्माण 2019 में शुरू हुआ था और इसे नवंबर 2024 तक पूरा किया जाना था, लेकिन अब तक निर्माण कार्य अधूरा है। परिणामस्वरूप, अस्पताल के लिए खरीदे गए करोड़ों रुपये के चिकित्सा उपकरण अब जंग खा रहे हैं और अनुपयोगी होते जा रहे हैं।
विभाग की कई बार चेतावनी के बावजूद प्रगति शून्य
स्वास्थ्य विभाग ने निर्माण एजेंसी को समय-समय पर पत्राचार कर कार्य शीघ्र पूर्ण करने का आग्रह किया, लेकिन कोई ठोस प्रगति नहीं हुई। सदर अस्पताल के डीएस आनंद उरांव ने स्थिति पर असंतोष जाहिर करते हुए बताया कि हर दिन हजारों मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन अधूरी सुविधाओं के बीच व्यवस्था संभालना मुश्किल हो गया है।
Khunti New Sadar Hospital : एमसीएच परिसर में बन रहा है 100 बेड का G+4 अस्पताल भवन
खूंटी के एमसीएच परिसर में बनने वाला यह 8767 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैला चार मंजिला अस्पताल भवन जिले की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए परिवर्तनकारी साबित हो सकता था। इसका उद्देश्य एक ही छत के नीचे सभी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना था, लेकिन निर्माण एजेंसी की लापरवाही से यह योजना अधर में लटक गई है। अब इसकी पूर्णता की समयसीमा मार्च 2026 तक खिंचने की आशंका जताई जा रही है।
“कब तक पूरा होगा, कहना मुश्किल”: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन नागेश्वर मांझी ने कहा कि निर्माण एजेंसी द्वारा बरती जा रही अनियमितता के चलते कार्य पूरा नहीं हो सका है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नवंबर 2024 की निर्धारित समयसीमा बीतने के बावजूद भवन निर्माण में कोई स्पष्ट दिशा नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि कब तक अस्पताल बनकर तैयार होगा, कुछ कहा नहीं जा सकता।
Khunti New Sadar Hospital : 2007 से ही खूंटी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का इंतजार
गौरतलब है कि 12 सितंबर 2007 को खूंटी को जिला का दर्जा मिला, लेकिन तब से अब तक यहां स्वास्थ्य सेवाएं पुराने अनुमंडल अस्पताल के भरोसे ही चल रही थीं। जिला प्रशासन ने अपने स्तर पर सुविधाएं बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन किसी समर्पित सदर अस्पताल के अभाव में मरीजों को समुचित स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल सकीं।