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JMM/BJP : सरायकेला सीट पर पूर्व सीएम चंपाई सोरेन को मत देने की हरसंभव कोशिश में JMM, पूर्व युवा भाजपा नेता सम्राट कुमार भी झामुमो में शामिल

by Rakesh Pandey
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सरायकेला : झारखंड की राजनीतिक धारा में एक महत्वपूर्ण मोड़ देखने को मिल रहा है, जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को सरायकेला में चुनौती देने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इस दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने गणेश महाली को भाजपा (BJP) से उपेक्षित होने के बाद मोर्चा में शामिल किया है। यह दर्शाता है कि यह सीट मुख्यमंत्री के लिए कितनी महत्वपूर्ण है।

गणेश महाली की पार्टी में शामिल होने की प्रक्रिया के दौरान खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी ने इस बात को और स्पष्ट कर दिया है कि वे भाजपा को एक ठोस जवाब देने के लिए तैयार हैं। यह कदम न केवल चुनावी रणनीति का हिस्सा है, बल्कि यह झारखंड की राजनीति में जेएमएम के पुनरुत्थान का प्रतीक भी माना जा रहा है।

इस मौके पर, पूर्व युवा भाजपा नेता सम्राट कुमार ने भी जेएमएम का दामन थाम लिया। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “हम इस बार चंपई सोरेन को हराने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं। गणेश महाली के लिए हम जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं, और जनता का आशीर्वाद उनके साथ है।” सम्राट का यह बयान स्पष्ट करता है कि वे भाजपा के खिलाफ मजबूत विपक्ष का निर्माण कर रहे हैं।

सम्राट ने यह भी जोड़ा कि सरायकेला में उनकी जीत न केवल महाली के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण होगी, बल्कि यह भी दर्शाएगी कि जनता ने भाजपा को झारखंड से बाहर करने का मन बना लिया है। यह संकेत है कि स्थानीय मतदाता अब परिवर्तन के पक्ष में हैं और जेएमएम को समर्थन देने के लिए तैयार हैं।

इस सबके बीच, हेमंत सोरेन की रणनीति स्पष्ट है। वे न केवल चंपई सोरेन को चुनौती देने का प्रयास कर रहे हैं, बल्कि साथ ही जेएमएम को झारखंड में पुनः सत्ता में लाने के लिए भी दृढ़ संकल्पित हैं। इससे यह साफ होता है कि हेमंत सोरेन की दृष्टि केवल चुनावी जीत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे झारखंड के विकास और सामाजिक न्याय को भी प्राथमिकता दे रहे हैं।

सरायकेला में चुनावी प्रचार के दौरान, महाली और सम्राट ने क्षेत्र के विकास को लेकर कई मुद्दों पर जोर दिया है। उन्होंने बताया कि यदि उन्हें जीत मिलती है, तो वे स्थानीय समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से करेंगे, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर। उनका यह दृष्टिकोण न केवल स्थानीय लोगों को आकर्षित कर रहा है, बल्कि यह भाजपा के लिए भी चुनौती बनता जा रहा है।

इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि सरायकेला की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है। हेमंत सोरेन की नीतियां और उनकी चुनावी रणनीति चंपई सोरेन के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती हैं। अब यह देखना होगा कि क्या गणेश महाली की उम्मीदें रंग लाएंगी और क्या भाजपा की पकड़ झारखंड में कमजोर होगी।

जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, यह स्पष्ट होता जा रहा है कि सरायकेला की सीट पर मुकाबला तीव्र होता जा रहा है, और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बार अपना दांव पूरी ताकत के साथ खेल रहे हैं।

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