Giridih (Jharkhand) : बिहार विधानसभा चुनाव के बीच महागठबंधन और झामुमो (JMM) के बीच बड़ा राजनीतिक टकराव सामने आया है। झामुमो ने सोमवार को यह स्पष्ट कर दिया कि वह बिहार विधानसभा चुनाव से पूरी तरह अलग हो गया है।
नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने गिरिडीह के नया परिसदन में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि राजद और कांग्रेस दोनों ने झामुमो के साथ राजनीतिक चालबाजी की है। यही कारण है कि झामुमो ने इस चुनाव में भागीदारी नहीं करने का निर्णय लिया है।

मंत्री बोले – झामुमो के साथ की गई राजनीतिक धूर्तता
मंत्री सोनू ने कहा कि बिहार चुनाव के दूसरे चरण के नामांकन की तिथि समाप्त हो गई है और अब झामुमो की कोई भूमिका इसमें नहीं होगी। उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया। झामुमो महागठबंधन का हिस्सा बनकर बड़ी भूमिका निभा सकता था, लेकिन उसके साथ छल हुआ।
उन्होंने बताया कि 2015 में झामुमो ने राजद का समर्थन किया था, वहीं 2020 के चुनाव में राजद ने तीन सीटें देने का वादा किया था, पर उसे निभाया नहीं गया। झामुमो ने 2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव में राजद, कांग्रेस और वाम दलों को शामिल कर गठबंधन धर्म का पालन किया, लेकिन बिहार में झामुमो के साथ विश्वासघात किया गया।
पटना में हुई वार्ता का भी नहीं मिला परिणाम
मंत्री सोनू ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर वे 7 अक्टूबर को पटना गए थे और वहां राजद के शीर्ष नेतृत्व से वार्ता हुई थी। बैठक में झामुमो को पांच सीटें देने पर सहमति बनी थी, परंतु बाद में राजद ने झामुमो को महागठबंधन से बाहर कर दिया।
उन्होंने कहा कि इस तरह के बर्ताव का खामियाजा उन ताकतों को भुगतना पड़ेगा, जिन्होंने झामुमो को आहत किया है। इस पूरे मामले में राजद के साथ-साथ कांग्रेस भी उतनी ही जिम्मेवार है, क्योंकि वह पूरे घटनाक्रम पर चुप रही।
झारखंड की राजनीति पर भी पड़ सकता असर
मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि झामुमो संगठन महागठबंधन के क्रियाकलापों की समीक्षा करेगा और झारखंड के हित में निर्णय लेगा। उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले समय में झारखंड की राजनीति में बदलाव देखने को मिल सकता है।
इस मौके पर झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह, जिला प्रवक्ता कृष्ण मुरारी शर्मा सहित कई पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे।