नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट 3 फरवरी, 2025 को लोकसभा में पेश की जाएगी। रिपोर्ट को जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल और भाजपा सांसद संजय जयसवाल द्वारा सदन में पेश किया जाएगा। इसके साथ ही समिति द्वारा वक्फ विधेयक पर किए गए संशोधनों और दिए गए साक्ष्यों का रिकॉर्ड भी लोकसभा के पटल पर रखा जाएगा।
रिपोर्ट को लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत किया गया
यह रिपोर्ट 30 जनवरी, 2025 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के समक्ष पेश की गई थी। जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने संसद पहुंचकर लोकसभा स्पीकर से मुलाकात की और वक्फ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति की अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में वक्फ विधेयक 1995 के 14 क्लॉज और सेक्शनों में 25 संशोधनों को मंजूरी दी गई है। इसके तहत वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण, पारदर्शिता, ऑडिट और अवैध कब्जों से मुक्ति के लिए कानूनी सुधार प्रस्तावित किए गए हैं।
नई प्रावधानों से होगा लाभ
समिति ने पहली बार यह खंड भी शामिल किया है कि वक्फ का लाभ हाशिए पर रहने वाले, गरीबों, महिलाओं और अनाथों को मिलना चाहिए। हालांकि, विपक्षी नेताओं ने इस रिपोर्ट पर असहमति जताते हुए इसे आलोचना का सामना किया है।
गृह मंत्री महत्वाकांक्षी विधेयक करेंगे पेश
लोकसभा की कार्यसूची के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक भी पेश करेंगे, जिसके तहत रूलर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट आणंद को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया जाएगा।
बजट सत्र में हंगामा होने की संभावना
बता दें कि संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा, और इसमें इन महत्वपूर्ण विधेयकों को पेश किया जाना है। वक्फ संशोधन विधयक को लेकर हंगामे की आसार नजर आ रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि JPC की रिपोर्ट में विपक्ष के सांसदों की ओर से दर्ज कराई गई आपत्तियों को दरकिनार कर दिया गया है।
विपक्ष ने उठाए गंभीर आरोप
रिपोर्ट को हिंदी और अंग्रेजी दोनों संस्करणों में सदन के पटल पर रखा जाएगा। विपक्षी दलों ने इस रिपोर्ट पर असहमति जताई है और गंभीर आरोप लगाए हैं। राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि उनके असहमति नोट के कुछ हिस्सों को बिना उनकी जानकारी के संशोधित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों की असहमति की आवाज को दबाया जा रहा है और इस रिपोर्ट को छिपाने की कोशिश की जा रही है। हुसैन ने इस बात को लेकर गंभीर नाराजगी जताई कि इस रिपोर्ट को जनता से सच छुपाने के प्रयास के रूप में पेश किया गया है।
क्या बोले JPC चेयरमैन
जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि इस विधेयक में एक नया खंड जोड़ा गया है, जिसमें वक्फ का लाभ विशेष रूप से गरीबों, महिलाओं और अनाथों को देने की बात की गई है। उन्होंने बताया कि समिति ने कुल 44 क्लॉज पर विचार किया और उनमें से 14 पर संशोधन किए गए, जिन्हें बहुमत से स्वीकृति मिली है। हालांकि, विपक्षी नेताओं का कहना है कि विधेयक पर पर्याप्त विचार-विमर्श नहीं हुआ और इसे पारदर्शिता से पेश किया जाना चाहिए।
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसी समस्याओं का समाधान करना है। इसके माध्यम से वक्फ बोर्ड की अवैध कब्जे वाली संपत्तियों को मुक्त करने के लिए डिजिटलीकरण और पारदर्शिता की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जाएगा।
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