सेंट्रल डेस्क : भारतीय जनता पार्टी की सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है, जो महाराष्ट्र चुनाव में हारने वालों को अधिक चुभ सकती है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे की पार्टी और महाविकास अघाड़ी की बुरी तरह से हार हुई। पार्टियां अभी इस हार से उबरने की कोशिश कर ही रही थीं कि मंडी से सांसद कंगना ने विपक्षियों पर तंज कसते हुए कहा है कि हम पहचान सकते हैं कि कौन देवता है और कौन दैत्य है।
कंगना का गिराया गया था बंगला
गौरतलब है कि कंगना का उद्धव ठाकरे सरकार से पुराना बैर है। सितंबर 2020 में BMC ने बांद्रा में कंगना रनौत के बंगले को कथित तौर पर अनधिकृत निर्माण को लेकर ध्वस्त कर दिया था। उस समय महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार थी। हालांकि बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा उनके बंगले को ध्वस्त करने के मुंबई नागरिक निकाय के आदेश को रद्द कर दिया था।
महिलाओं का सम्मान न करने वालों की यही दशा
24 नवंबर को कंगना मीडिया से बात करते हुए कहती हैं, मुझे उद्धव ठाकरे की इतनी बुरी विफलता की उम्मीद थी। हम पहचान सकते हैं कि कौन देवता है और कौन दैत्य है। ये इस बात पर निर्भर करता है कि वो महिलाओं का सम्मान करते हैं या उनके कल्याण के लिए काम करते हैं। बॉलीवुड अदाकारा यहीं नहीं रूकीं, उन्होंने महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की महाजीत के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी की सरकार के साथ अपने पिछले विवादों की भी चर्चा छेड़ दी।
पीएम मोदी का जन्म देश को बचाने के लिए
कंगना ने कहा कि उन्होंने मेरे घर को ध्वस्त कर दिया और मेरे साथ मौखिक रूप से दुर्व्यवहार किया। ऐसी कार्रवाइयों के परिणाम होंगे। मुझे उद्धव ठाकरे की इतनी बुरी हार की उम्मीद थी। प्रधानमंज्ञी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कंगना ने आगे कहा कि प्रचार के दौरान मैंने हर बच्चे को ‘मोदी-मोदी’ का नारा लगाते देखा। प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के सबसे बड़े नेता हैं। BJP एक ब्रांड है और आज भारत के लोग इस ब्रांड में विश्वास करते हैं। मेरा मानना है कि PM मोदी का जन्म देश को बचाने के लिए हुआ है और वो अजेय हैं।
कंगना मुआवजे की हकदार
गौरतलब है कि सितंबर 2020 में बीएमसी ने बांद्रा में कंगना रनौत के बंगले में कथित तौर पर अनाधिकृत निर्माण का कारण बताकर उसे ध्वस्त कर दिया था। बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट ने उनके बंगले को ध्वस्त करने के बीएमसी के फैसले को रद्द कर दिया और कहा गया कि वो बीएमसी की दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई के चलते मुआवजे की हकदार हैं।