खूंटी : झारखंड के खूंटी जिले में वन विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए जंगल के अंदर अवैध रूप से संचालित हो रहे मिनी टिंबर प्लांट का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में घने जंगलों में लगाए गए आरा मशीन और वहां रखे कई घनफुट लकड़ी एवं चिरान (पटरा) जब्त किए गए हैं। जांच के दौरान सामने आया है कि इस जगह पर कई महीनों से अवैध रूप से पेड़ों की कटाई और चिराई की जा रही थी।
डीएफओ को मिले इनपुट के बाद हुई कार्रवाई
इस अवैध गतिविधि की जानकारी डीएफओ दिलीप कुमार को एक गुप्त सूत्र द्वारा भेजी गई तस्वीरों के माध्यम से मिली। तत्पश्चात उन्होंने अड़की प्रखंड के बीरबांकी से सटे बीहड़ जंगलों में छापेमारी का आदेश दिया। वन विभाग की टीम को मौके पर एक मिनी टिंबर मिल, बड़ी संख्या में काटे गए पेड़ों के हिस्से और चिराई हुई लकड़ियां मिलीं।
मुख्य आरोपी कुलदीप मांझी के खिलाफ दर्ज हुआ मामला
वन विभाग की प्राथमिक जांच में इस अवैध टिंबर संचालन का मुख्य आरोपी कुलदीप मांझी को माना गया है, जो तमाड़ का निवासी है। उसके खिलाफ पहले से चार मामले दर्ज हैं, जिनमें रांची और खूंटी वन प्रमंडल में लकड़ी तस्करी से जुड़े अपराध शामिल हैं। डीएफओ ने पुष्टि की कि उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर दी गई है और पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
खूंटकट्टी क्षेत्रों में हो रही तस्करी, विभाग ने दी चेतावनी
डीएफओ ने बताया कि खूंटी जिले में कई खूंटकट्टी (परंपरागत जनजातीय स्वामित्व) वन क्षेत्र हैं, जिन्हें लोग अक्सर सरकारी जंगल समझने की भूल करते हैं। इन क्षेत्रों में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई और चिराई हो रही है। कई बार तस्कर इन क्षेत्रों का फायदा उठाकर चाईबासा और खूंटी के बाहरी इलाकों से लकड़ी काटकर जिला मार्गों के माध्यम से तस्करी करते हैं।
वन विभाग अलर्ट, विभागीय संलिप्तता पर भी होगी कार्रवाई
डीएफओ दिलीप कुमार ने कहा कि विभाग लगातार गुप्त सूचना के आधार पर छापामारी और निगरानी अभियान चला रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी भी विभागीय कर्मी की संलिप्तता इस अवैध धंधे में पाई गई तो कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
जब्त सामग्री और अगली कार्रवाई
भारी मात्रा में चिरान और लकड़ी जब्त की गई है। अवैध टिंबर स्थल सील कर आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी है। पुलिस द्वारा पूरे नेटवर्क की जांच शुरू कर दी गई है।
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