Khunti (Jharkhand) : क्लिनिकल स्टेब्लिशमेंट एक्ट से संबंधित बैठक में दिए गए सख्त निर्देशों के आलोक में राज्य के खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड के बिरदा गांव स्थित अमन नर्सिंग होम का औचक निरीक्षण किया गया। अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) दीपेश कुमारी के नेतृत्व में निरीक्षण किया गया। इस दौरान टीम ने एक्ट के अंतर्गत निर्धारित सभी मानकों की बारीकी से जांच की। इस दौरान क्लीनिक में सिजेरियन डिलीवरी केस सहित कुल पांच मरीज इलाजरत पाए गए। मरीजों का उपचार क्लीनिक संचालक शाहिद अहमद कर रहे थे। उन्होंने खुद को डॉक्टर बताया, लेकिन पूछताछ में उन्होंने कोई भी मान्य डिग्री या प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किया।
लाइसेंसी नदारद, एएनएम का प्रमाणपत्र भी संतोषजनक नहीं
प्रशासन ने इसे गंभीर अनियमितता मानते हुए कड़ी कार्रवाई की। साथ ही क्लिनिक का पंजीकरण डॉ महानंद सिंह (डॉ एमएन सिंह) के नाम पर पाया गया, जो निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित थे। क्लीनिक में कार्यरत एएनएम का प्रमाणपत्र भी संतोषजनक नहीं पाया गया। दस्तावेजों की मांग पर संचालक कोई विश्वसनीय कागजात प्रस्तुत नहीं कर सके। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने कर्रा अंचल अधिकारी की सहायता से नर्सिंग होम को तत्काल सील कर दिया। क्लीनिक में भर्ती सभी मरीजों को एंबुलेंस से सदर अस्पताल खूंटी भेजा गया, जहां उनके बेहतर उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। निरीक्षण दल ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी डॉ शिशिर कुमार सिंह, सिविल सर्जन डॉ नागेश्वर मांझी सहित अन्य अधिकारी और कर्रा थाना की पुलिस शामिल थी।
नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं, होगी सख्त कार्रवाई : उपायुक्त
मामले में उपायुक्त आर रॉनिटा ने स्पष्ट चेतावनी जारी करते हुए कहा कि जिले में बिना वैध रजिस्ट्रेशन, प्रमाणपत्र या आवश्यक स्वीकृति के किसी भी प्रकार का क्लिनिक, नर्सिंग होम या अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालित करते हुए पाया गया तो संबंधित संचालक सहित सभी संलिप्त व्यक्तियों पर कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन ने कहा है कि ऐसे औचक निरीक्षण आगे भी नियमित रूप से जारी रहेंगे और नियम विरुद्ध कार्य करने वालों पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

