खूंटी: जिले में पेलोल पुल के अचानक ध्वस्त होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सख्त रुख अपनाते हुए मामले की तकनीकी जांच के आदेश दिए हैं। सीएम के निर्देश पर एनएच और पथ निर्माण विभाग के विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है जो स्थल निरीक्षण कर रही है।
जांच टीम में शामिल अधिकारी
अभिनेंद्र कुमार (मुख्य अभियंता, एनएच) – टीम अध्यक्ष
नवल किशोर (कार्यपालक अभियंता, गुण नियंत्रण निदेशालय)
आकाश कुमार बादल (कार्यपालक अभियंता, केंद्रीय निर्माण संगठन, पथ निर्माण विभाग)
जांच टीम ने किया स्थल निरीक्षण, पुल के पास लगाई गई बैरिकेडिंग
गठित टीम लगातार टूटे हुए पुल का निरीक्षण कर रही है। सुरक्षा कारणों से खूंटी-तोरपा मार्ग बंद कर वैकल्पिक मार्ग से यातायात चालू किया गया है। पुल के निरीक्षण के लिए शुक्रवार को मुख्य अभियंता मनोहर कुमार ने स्थल पर जाकर रिपोर्ट तैयार की और दोषियों पर कार्रवाई की बात कही थी।
तकनीकी खामियों और अनियमितताओं के संकेत
पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता रामेश्वर साह ने बताया कि पेलोल पुल भारी बारिश के कारण ढहा, लेकिन तकनीकी खामियों और निर्माण में हुई अनियमितता की भी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुल वर्ष 2007 में बना था और इतने कम समय में इसके टूटने पर गंभीर सवाल उठते हैं।
जिले में बने सभी पुलों की हो रही निगरानी
जिले में पिछले तीन वर्षों में तीन पुल टूट चुके हैं, जिससे पुलों की गुणवत्ता और रख-रखाव पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसी को देखते हुए पथ निर्माण विभाग ने जिले के सभी पुराने और नए पुलों को चिन्हित कर निगरानी शुरू कर दी है। कार्यपालक अभियंता ने कहा कि पहले जो पुल टूटे थे, उनमें से एक निर्माणाधीन है और दूसरे का टेंडर हो चुका है। पेलोल पुल डायवर्सन निर्माण की स्वीकृति की प्रतीक्षा है।
जांच रिपोर्ट के बाद तय होगी कार्रवाई
अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी ठेकेदारों या विभागीय अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। फिलहाल, टीम तकनीकी कारणों का गहराई से विश्लेषण कर रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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