नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने राज्य में वक्फ संशोधन कानून को लागू न करने की बात कही थी। रिजिजू ने इसे संविधान का उल्लंघन करार देते हुए सवाल उठाया कि क्या ममता बनर्जी संविधान और बाबा साहेब अंबेडकर का सम्मान करती हैं।
वो मुसलमानों को केवल वोट बैंक के तौर पर देखती है
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘जो व्यक्ति संसद द्वारा पारित कानून को लागू करने से इनकार करता है, क्या उसके पास संविधान की रक्षा करने का नैतिक अधिकार है?’ उन्होंने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह मुसलमानों को केवल वोट बैंक के रूप में देखती हैं और उनके अधिकारों की अनदेखी कर रही हैं।
इससे पहले, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी ममता बनर्जी के वक्फ कानून के खिलाफ बयान की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि यह कानून संसद में लंबी बहस के बाद पारित हुआ है और राज्य सरकार को इसे लागू करना चाहिए।
वक्फ बिल सारे अधिकारों को छीन लेगाः ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वक्फ संशोधन कानून को ‘धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ” और “मुसलमानों के अधिकारों का हनन करने वाला” बताया था। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने इस बिल को राज्यों से बिना चर्चा किए पेश किया है, जो संघीय ढांचे का उल्लंघन है। उन्होंने कहा, “यह बिल वक्फ संपत्तियों को नष्ट करेगा और मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को छीन लेगा’।
ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि यदि किसी धर्म पर हमला किया जाता है, तो वह इसका विरोध करेंगी। उन्होंने वक्फ कानून के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से एक विधेयक लाने की भी घोषणा की है, ताकि राज्य के अधिकारों की रक्षा की जा सके।
इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों के बीच तीखी बयानबाजी जारी है। केंद्रीय सरकार का कहना है कि वक्फ कानून में संशोधन से पारदर्शिता बढ़ेगी और वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार होगा, जबकि विपक्षी दल इसे संविधान और धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ मानते हैं।