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Budget के दौरान चर्चा में रहा ‘मखाना’: जानें ये कैसे आपके सेहत और पॉकेट के लिए भी हो सकता फायदेमंद!

मखाना मुख्य रूप से उत्तर भारत, विशेषकर बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में पनपने वाला एक जलीय पौधा है।

by Anurag Ranjan
Budget के दौरान चर्चा में रहा ‘मखाना
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सेंट्रल डेस्क : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में केंद्रीय बजट पेश किया। उन्होंने इस बजट में मखाना किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया। वित्त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि मखाना (Foxnut) के उत्पादन, प्रोसेसिंग, वैल्यु एडिशन और मार्केटिंग में सुधार के लिए बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी। इस काम में लगे लोगों को FPO के रूप में संगठित भी किया जाएगा।

बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी। इसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान की।
बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी। इसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान की।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘बिहार के लोगों के लिए यह एक विशेष अवसर है। मखाना किसानों को सहायता और प्रशिक्षण देने के साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम किया जाएगा कि उन्हें सभी प्रासंगिक सरकारी योजनाओं का फायदा मिल सके। मखाना की हो रही चर्चा के बीच में आइए जानते हैं कि मखाना क्या है? इसका उत्पादन आखिर होता कैसे है? इसकी कीमत भारत में क्या है?

मखाना (Fox Nut) क्या है? कैसे होता है इसका उत्पादन?

मखाना मुख्य रूप से उत्तर भारत, विशेषकर बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में पनपने वाला एक जलीय पौधा है।। इसका उत्पादन मुख्य रूप से जलाशयों और तालाबों में होता है, जहां इसकी खेती की जाती है। मखाना के बीज को विशेष तरीके से सुखाकर खाया जाता है। इसे अंग्रेजी में “फॉक्स नट” (Fox Nut) और वैज्ञानिक नाम “Euryale Fox” के रूप में जाना जाता है।

उत्पादन की प्रक्रिया

मखाना की खेती जल में होती है। इसके बीज को तालाबों में बोया जाता है। इसका पौधा धीरे-धीरे विकसित होता है और इसके फूल पानी की सतह पर उगते हैं और बीजों की फसल तैयार होती है। मखाना के फूलों से बीज निकलते हैं, जिन्हें काटा जाता है। तालाबों से मखाना के बीजों को इकट्ठा किया जाता है। इसके छिलके को हटाने के लिए इसे हल्की आंच में तला जाता है। इससे यह कुरकुरा और खाने योग्य बन जाता है। लंबे समय समय तक स्टोर करने के लिए तले हुए मखाने को काफी अच्छे से सुखाया जाता है। इसके बाद इन्हें पैक कर बाजार में बेचने के लिए उपलब्ध कराया जाता है।

भारत में क्या है मखाना की कीमत?

मखाना की कीमत कई कारकों पर निर्भर करती है। इनमें गुणवत्ता, प्रकार और स्थान शामिल हैं। भारत में आमतौर पर मखाना का मूल्य ₹900 से ₹1800 प्रति किलोग्राम तक हो सकता है। इसके जय प्रकार होते हैं, जैसे छोटे और बड़े मखाने। उनकी कीमत में अंतर हो सकता है। मखाने का अधिकांश उत्पादन बिहार और उत्तर प्रदेश में होता है। इस कारण यहां पर इनकी कीमत थोड़ी सस्ती होती है, जबकि अन्य राज्यों में यह थोड़ा महंगा मिलता है।

मखाने खाने से फायदा

मखाने में मौजूद फाइबर और पोटेशियम हार्ट हेल्थ को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। फाइबर बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है, जबकि पोटेशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मददगार है। मखाना खाने के कुछ प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं…

  • डायबिटीज में मखाने के फायदे मधुमेह के रोगियों के लिए मखाना एक हेल्दी स्नैक्स होता है, जिसका सेवन नास्ते के रूप में किया जा सकता।
  • सूजन की समस्या में राहत
  • वेट लोस में मददगार
  • पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है
  • एनीमिया और कमजोरी में फायदेमंद
  • पीसीओएस में फायदेमंद
  • ब्लड प्रेशर में फायदेमंद

चर्चा में आया जेरोधा फाउंडर निखिल कामत का पोस्ट

वित्त मंत्री के मखाना बोर्ड की घोषणा के साथ ही सोशल मीडिया पर अब अरबपति उद्योगपति निखिल कामथ की एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। इस पोस्ट को कामथ ने बजट से कुछ दिन पहले (17 जनवरी) पोस्ट किया था, जिसमें इस सुपर फूड की अपार संभावनाओं के बारे में उल्लेख किया था।

इस पोस्ट में कामथ ने संभावना जताई थी कि अगर योजना बनाई जाए तो यह उद्योग छह हजार करोड़ का टर्नओवर दे सकता है। मखाना उद्योग को बहुत बड़ा ब्रांड बनाया जा सकता है, क्योंकि यह पहला भारतीय ब्रांड है, जो दुनियाभर में बिकता है। उन्होंने बताया था कि वे व्यक्तिगत रूप से इसे खाना पसंद करते हैं।

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