फीचर डेस्क: मकर संक्रांति एक ऐसा पर्व है, जिसे सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से दान, धर्म और पुण्य के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मकर संक्रांति सूर्य देवता को समर्पित पर्व है। इस दिन दान करने से सूर्य देव की कृपा और स्वास्थ्य लाभ होता है। मकर संक्रांति पर दान करने से व्यक्ति को शुभ फल और पुण्य की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार, मकर संक्रांति पर दान करना पापों का नाश करता है और आत्मा को शुद्ध करता है। इस दिन ग्रहों की स्थिति अत्यंत शुभ होती है, जिससे दान का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।
मकर संक्रांति पर दान करने योग्य वस्तुएं
तिल और गुड़
तिल शुद्धि का प्रतीक है। तिल का दान करने से स्वास्थ्य लाभ और शांति मिलती है। इस दिन कई लोग तिल और गुड़ के बने लड्डू भी दान करते हैं। मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ के दान से कुंडली में शनि और सूर्य दोष का निवारण होता है। गुड़ का दान मधुरता और सकारात्मकता लाता है। मकर संक्रांति पर गुड़ दान करना आपके जन्म कुण्डली में सूर्य की स्थिति मजबूत करता है।
अनाज और खिचड़ी
चावल, गेहूं, दाल और बाजरा जैसे अन्न का दान करना शुभ माना जाता है। गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न दान करने से धन-धान्य की वृद्धि होती है। मकर संक्रांति पर खिचड़ी का दान करना शुभ माना गया है। इस दिन काला उड़द का दान भी धन-धान्य बढ़ाता है।
कंबल और वस्त्र
ठंड के मौसम को ध्यान में रखते हुए कंबल, गर्म वस्त्र और ऊनी कपड़ों का दान अत्यंत पुण्यदायक है। विशेषकर गरीब और जरूरतमंद लोगों को वस्त्र दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। अन्न और वस्त्र का दान समृद्धि और खुशहाली लाता है।
धातु के पात्र
सोना, चांदी, तांबे के पात्र या बर्तन दान करना शुभ माना जाता है। यह व्यक्ति की समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
गाय और गौदान
गाय का दान (गौदान) हिंदू धर्म में सर्वोच्च पुण्य कर्म माना गया है। यदि गाय का दान संभव न हो, तो गौशाला में चारा या धन दान कर सकते हैं।
मकर संक्रांति पर क्या दान न करें
मकर संक्रांति के दिन दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है, लेकिन दान करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुछ वस्तुओं का दान करने से पुण्य की प्राप्ति के बजाय अशुभ फल हो सकता है।
- टूटी हुई वस्तुएं
टूटी हुई वस्तुएं, बर्तन या कपड़े दान न करें। यह अशुद्धता और अपूर्णता का प्रतीक है। धार्मिक दृष्टि से, इससे सकारात्मक ऊर्जा बाधित होती है।
- पुरानी और बेकार चीजें
पुराने या फटे हुए कपड़े, खराब सामान या बेकार चीजें दान न करें। दान में हमेशा उपयोगी और नई या साफ-सुथरी वस्तुएँ ही दें। अशुद्ध वस्तुओं का दान करने से पुण्य के बजाय पाप बढ़ सकता है।
- तामसिक भोजन
मांस, मदिरा, या तामसिक भोजन का दान न करें। मकर संक्रांति एक सात्विक पर्व है, इसलिए तामसिक वस्तुओं का सेवन और दान दोनों वर्जित है। यह शांति और शुभता के स्थान पर नकारात्मकता ला सकता है। - चावल या सफेद वस्त्र
कुछ मान्यताओं के अनुसार चावल और सफेद वस्त्र का दान इस दिन शुभ नहीं माना जाता है। ये वस्त्र और अनाज चंद्रमा से संबंधित माने जाते हैं, जो सूर्य की ऊर्जा से मेल नहीं खाते। - काले रंग की वस्तुएं
काले रंग के कपड़े, वस्त्र या अन्य वस्तुएं दान न करें। काला रंग शनि ग्रह और नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। मकर संक्रांति सूर्य देव का पर्व है, जिसमें काले रंग का दान शुभ नहीं होता। - गंदा या अशुद्ध जल
गंदा या अशुद्ध जल किसी को न दें। यह दान अशुद्धता का प्रतीक है और इसे शुभ नहीं माना जाता। दान में पवित्र जल का उपयोग करना चाहिए। - लोहे की वस्तुएं
लोहे से बनी वस्तुएं दान करने से बचें। शास्त्रों में इसे अशुभ माना गया है। इसके बजाय तांबे या पीतल की वस्तुएं दान करें। - अधूरी या असंतुलित सामग्रीदान में अधूरी सामग्री न दें। जैसे केवल एक तरफा जोड़ी का कपड़ा या अधूरी वस्तुएं। यह अशुभता और असंतुलन का प्रतीक हो सकता है।
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