जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय (Kolhan University) प्रशासन की लापरवाही और लेट-लतीफी का खामियाजा यहां के शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी और छात्र भुगत रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि जहां अन्य विश्वविद्यालय एक हफ्ते में काम पूरा कर लेते हैं, वहीं केयू में छोटे-छोटे निर्णय लेने में 5-6 महीने लग जाते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) है।
उच्च शिक्षा विभाग ने अगस्त 2024 में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की अधिसूचना जारी की थी। लेकिन चार महीने बीतने के बाद भी कोल्हान विश्वविद्यालय इसे लागू नहीं कर पाया है। इसके चलते सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षकों और कर्मचारियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
चार महीने से शिक्षकों की मांग पर अनसुनी
नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से शिक्षक और कर्मचारी लगातार विश्वविद्यालय से इसे लागू करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन पिछले चार महीनों से प्रशासन ने उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया। पिछले तीन महीनों में विश्वविद्यालय के 15 से अधिक शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन उन्हें ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ नहीं मिला।
झारखंड के अन्य विश्वविद्यालय आगे, केयू पीछे
झारखंड के आठ विश्वविद्यालयों में से सात ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कर दिया है। कई विश्वविद्यालयों ने तो सितंबर 2024 में ही इसे नोटिफाई कर दिया था। इसके चलते वहां सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर पेंशन लाभ मिल रहा है। कोल्हान विश्वविद्यालय झारखंड का एकमात्र विश्वविद्यालय है जहां अब तक इस योजना को नोटिफाई नहीं किया गया है।
सिंडिकेट बैठक का इंतजार कर रहा विवि प्रशासन
कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन ने देरी का कारण बताया कि योजना को लागू करने से पहले इसे सिंडिकेट की बैठक में अनुमोदित किया जाएगा। रजिस्ट्रार डॉ. परशुराम स्याल के मुताबिक, अगले महीने सिंडिकेट की बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। अनुमोदन के बाद ही योजना को लागू किया जाएगा।
हालांकि, झारखंड के अन्य विश्वविद्यालयों ने बिना सिंडिकेट की मंजूरी के ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर दी है। इस पर केयू प्रशासन का कहना है कि वे अन्य विश्वविद्यालयों की प्रक्रिया नहीं देखते और नियमानुसार काम करते हैं।
शिक्षकों और कर्मचारियों में बढ़ रही नाराजगी
लंबे समय से योजना लागू नहीं होने से शिक्षकों और कर्मचारियों में भारी असंतोष है। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय उनकी मांगों को लगातार अनदेखा कर रहा है। इस देरी के कारण उनका भविष्य असुरक्षित नजर आ रहा है।
क्या कहते हैं विवि के रजिस्ट्रार?
“ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की दिशा में हम काम कर रहे हैं। अगले महीने इसे सिंडिकेट से पास कराकर लागू कर दिया जाएगा। यह सही है कि अन्य विश्वविद्यालयों में यह पहले ही लागू हो चुका है, लेकिन हम नियमानुसार प्रक्रिया पूरी करेंगे।”
– डॉ. परशुराम स्याल, रजिस्ट्रार, कोल्हान विश्वविद्यालय