कोलकाता : शहर का प्रसिद्ध आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है और इस बार कारण एक और एमबीबीएस छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत है। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के कमरहाटी स्थित ईएसआई क्वार्टर में 20 वर्षीय आइवी प्रसाद का शव फांसी के फंदे पर लटका हुआ पाया गया। आइवी प्रसाद एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा थी और इस हादसे ने न केवल उनके परिवार बल्कि मेडिकल कॉलेज के पूरे माहौल को शोक में डुबो दिया है।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, गुरुवार रात आइवी प्रसाद अपने कमरे में अकेली थी। उसके पिता विद्यासागर प्रसाद मुंबई में एक बैंक में काम करते हैं, जबकि उसकी मां सुमित्रा प्रसाद कमरहाटी स्थित ईएसआई अस्पताल में डॉक्टर हैं और अपनी बेटी के साथ क्वार्टर में रहती थी। उस रात सुमित्रा दूसरे कमरे में थी और आइवी को यह लगा कि उनकी बेटी अपनी पढ़ाई में व्यस्त होगी। जब देर रात तक आइवी कमरे से बाहर नहीं निकली, तो उसकी मां को चिंता हुई और उन्होंने दरवाजा खटखटाया। कोई जवाब नहीं मिलने पर, सुमित्रा ने पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा और अंदर का दृश्य देख उनके होश उड़ गए। उनकी बेटी छत से लगे फांसी के फंदे पर लटकी हुई थी।
मृतक छात्रा को अस्पताल ले जाया गया
छात्रा को तुरंत ईएसआई अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद मृतक के परिवार ने पुलिस में कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने कमरहाटी थाने में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सुगोर दत्ता कॉलेज ऑफ मेडिसिन एंड हॉस्पिटल भेजा गया, और अब रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
क्या था मौत का कारण
हालांकि मृतक के परिवार ने मामले पर चुप्पी साधी हुई है, सूत्रों के अनुसार, आइवी प्रसाद किसी मानसिक बीमारी से पीड़ित थी, जिससे वह डिप्रेशन में थी। इस मानसिक स्थिति के कारण हो सकता है कि वह इस कदम तक पहुंची हो। लेकिन अब तक मामले की पुष्टि नहीं हो पाई है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी।
मेडिकल कॉलेज में पहले भी हो चुकी हैं विवादास्पद घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज ने मीडिया में सुर्खियां बटोरी हैं। इससे पहले, यहां एक ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था, और इस मामले में कोलकाता पुलिस ने सिविक वालंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी, हालांकि सीबीआई ने इस फैसले के खिलाफ अपील की है, जो अभी भी कलकत्ता हाई कोर्ट में लंबित है।