जमशेदपुर: काेल्हान विश्वविद्यालय के काॅलेज फंड की कमी से जूझ रहे हैं। काॅलेजाें के परीक्षा कराने से संबंधित फंड के साथ ही कंटीजेंसी फंड के अलावा आधारभूत संरचना बेहतर बनाने के लिए जाे फंड मिलता है वह पिछले एक साल से नहीं मिला है। इसके साथ ही परीक्षा मद में मिलने वाला फंड भी रुका हुआ है, ताे आउटसाेर्स सर्विस पर्सन फंड भी विवि काॅलेजाें काे नहीं जारी कर रहा है।
इसकी वजह से काॅलेजाें की आर्थिक स्थिति खराब है। कई काॅलेजाें में ताे प्रिंट के लिए कागज व स्टेशनरी के अन्य सामान खरीदने तक के लिए राशि नहीं है। अधिकतर काॅलेजाे में ताे शिक्षकाें का चाय पानी भी बंद हाे गया है। क्याेंकि कंटीजेंसी फंड से ही इसकी व्यवस्था की जाती है। यही हाल परीक्षा का है राशि नहीं हाेने की वजह से परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा के दाैरान जाे सुविधाएं दी जाती हैं, उसमें कटाैती करनी पड़ रही है। वहीं साफ सफाई व सुरक्षा काे लेकर रखे गए आउट साेर्स कर्मचारी अब काम छाेड़ने लगे हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि काेऑपरेटिव काॅलेज में 7 सुरक्षाकर्मी काम छाेड़कर जा चुके हैं। यहां पहले 12 दरबान थे, लेकिन अब सिर्फ 5 बचे हैं।
मालूम हाे कि काॅलेजाें काे कंटीजेंसी फंड के रूप में हर माह 70 से 90 हजार रुपए की राशि दी जाती है। इसी प्रकार परीक्षा आयोजित करने लिए हर छात्र 60 से 70 रुपए के हिसाब से राशि दी जाती है। लेकिन 1 साल से यह राशि नहीं जारी हुई है। स्थिति यह है कि पिछले एक साल में केयू व उसके काॅलेजाें में शिक्षकाें व कर्मचारियों के वेतन भुगतान काे छाेड़ दें, ताे वित्तीय मामलाें से संबंधित काेई बड़ा निर्णय नहीं हुआ। इसका सबसे बुरा असर काॅलेजाें के आधारभूत संरचना विकास पर पड़ रहा है।
अधिकारियाें के कार्यालय का चक्कर काट रही फाइल
काॅलेजाें काे अलग-अलग मद में दी जाने वाले आवंटन की फाइल काेल्हान विवि के अधिकारियों के टेबल का चक्कर पिछले छह माह से खा रही है। वित्त पदाधिकारी कार्यालय, फिर रजिस्ट्रार और कुलपति कार्यालय में यह फाइल पिछले कई महीनाें से पड़ी हुई है। लेकिन इस पर उचित निर्णय काेई नहीं ले रहा है। विवि के अधिकारी ताे बदल जा रहे हैं, लेकिन फाइल वहीं पड़ी रह रही है। हैरान करने वाली बात यह है कि विवि में जाे कंटीजेंसी मद में राशि जारी हाे ती है उसे ताे जारी हर महीने कर दिया जा रहा है। लेकिन काॅलेजाें काे राशि देने में अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं।
इसलिए राशि जारी करने में हाे रही देरी
काेल्हान विश्वविद्यालय में वीसी से लेकर रजिस्ट्रार व वित्त पदाधिकारी का पद रिक्त है। ये सभी पद प्रभारी अधिकारियाें के भराेसे चल रहे हैं। ये अधिकारी काॅलेजाें काे किसी भी मद में बड़ा अमाउंट जारी करने से बच रहे हैं। इसकी मुख्य वजह उनका सीमित वित्तीय अधिकार है। इसके साथ ही उन्हें यह भी डर है कि कुछ दिनाें के कार्यकाल में ऐसा कुछ न हाे जिससे वे फंसें। इसके चक्कर पर विवि व उसके काॅलेजाें की वित्तीय स्थिति खराब हाे गई है।
यह काम हाे रहे प्रभावित
- स्टेशनरी सामग्री की खरीद नहीं हाे पा रही है।
- काॅलेजाें में कार्यरत आउटसाेर्स कर्मियाें काे पांच से छह महीने वेतन नहीं मिल सका है।
- परीक्षा के दाैरान छात्राें काे जाे सुविधाएं प्रदान की जाती है उसमें कटाैती हाे रही है।
- परीक्षा के दाैरान सेवा इनविजिलेटर काे राशि नहीं दी जा रही है।
- डेस्क बेंच आदि जाे कम राशि वाली सामग्री हाेती है उसकी खरीद भी नहीं हाे पा रही है।
किस काॅलेज में कितनी राशि बकाया
काॅलेज कंटीजेंसी
कोऑपरेटिव कॉलेज 8.4 हजार, 9 लाख
एबीएम कॉलेज 4.5 लाख, 4.5 लाख
ग्रेजुएट कॉलेज 4 लाख, 5 लाख
बहरागोड़ा कॉलेज 6 लाख, 7 लाख
वर्कर्स कॉलेज 5 लाख, 5.4 लाख
यह सही हैं कि काॅलेजाें काे पिछले कई महीनों से कंटीजेंसी व परीक्षा मद में राशि नहीं जारी हुई है। लेकिन मेरी अभी नई जॉइनिंग है। इससे संबंधित फाइल मेरे पास आयी है और कुलपति से बात भी हुई है, उनकी स्वीकृति मिलते ही राशि जारी कर दी जाएगी। अगर किसी वजह से समस्या हुई ताे हम इस संबंध में राजभवन से परामर्श लेंगे।
डाॅ परशुराम सुयाल, रजिस्ट्रार केयू
काॅलेज फंड से ही चलते हैं अगर राशि नहीं हाेगी, ताे उसे संचालित करना मुश्किल हाे जाएगा। हमनें विवि से आग्रह किया है कि कब से कम कंटीजेंसी व परीक्षा फंड समय से मिले। उम्मीद है विवि इस पर उचित निर्णय लेंगे।
डाॅ अमर सिंह, प्रिंसिपल कोआपरेटिव कॉलेज