एंटरटेनमेंट डेस्क : हिंदी सिनेमा जगत के मशहूर फिल्ममेकर और स्क्रीनप्ले राइटर कुमार साहनी (Kumar Shahani) का निधन हो गया है। बीते दिन शनिवार को डायरेक्टर कुमार साहनी का कोलकाता में निधन हो गया। उन्होंने 83 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। साहनी के निधन से इंडस्ट्री में एक बार फिर से मातम पसर गया है और हर कोई उनके निधन पर शोक जाहिर कर रहा है।
उन्होंने माया दर्पण और ‘तरंग’ जैसी फिल्मों में बतौर डायरेक्टर काम किया है। साहनी एक डायरेक्टर के अलावा वह एक एजुकेटर और राइटर भी थे। उन्होंने ‘द शॉक ऑफ डिजायर एंड अदर एसेज’ जैसी किताब लिखी हैं।
सिनेमा जगत में शोक की लहर
इसके बाद कुमार साहनी फ्रांस चले गए। निर्मल वर्मा की कहानी पर बनी कुमार साहनी की ‘माया दर्पण’ ने हिंदी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था। कुमार साहनी ने ‘तरंग’, ‘ख्याल गाथा’, ‘कस्बा’ और ‘चार अध्याय’ समेत कई फिल्मों को डायरेक्ट किया था। निर्देशक की मौत की खबर से सिनेमा जगत में शोक की लहर है। वह निर्देशक होने के अलावा लेखक भी थे। उन्हें शिक्षक के तौर पर भी काफी सराहा गया है। मशहूर निर्देशक के अचानक निधन की खबर से इंडस्ट्री गमगीन है।
ऐसा था कुमार साहनी का इतिहास
कुमार साहनी का जन्म 7 दिसंबर 1940 को पाकिस्तान के सिंध प्रांत लरकाना में हुआ था। उन्होंने पुणे में फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से ग्रेजुएशन की थी। बाद में साहनी फ्रांस चले गए। उन्होंने फिल्ममेकर रॉबर्ट ब्रेसन की फिल्म ‘यूने फेम डूस’ बनाने में भी उनकी मदद की थी।
इस फिल्म के लिए मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
कुमार साहनी हिंदी सिनेमा जगत के प्रख्यात फिल्ममेकर्स में से एक थे। उन्होंने निर्मल वर्मा की कहानी पर आधारित ‘माया दर्पण’ (1972) फिल्म बनाई थी। इस फिल्म को बेस्ट फीचर फिल्म की कैटेगरी में नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला था। इसके अलावा उन्होंने तरंग, ‘ख्याल गाथा’, ‘कस्बा’ और ‘चार अध्याय’ जैसी कई फिल्में बनाई थीं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काफी सराहना मिली।
करीबी दोस्त ने की पुष्टि (Kumar Shahani)
साहनी की करीबी दोस्त और अभिनेत्री मीता वशिष्ठ ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा, निर्देशक कोलकाता के एक अस्पताल में उम्र से संबंधित बीमारियों के चलते भर्ती थे। इसके बाद शनिवार यानी 24 फरवरी की रात को 11 बजे के आसपास उनका निधन हो गया। साहनी पिछले काफी समय से बीमार थे और उनकी सेहत में सुधार नहीं हो रहा था।
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