सेंट्रल डेस्क: दुनिया के कई हिस्सों में इन दिनों संघर्ष और युद्ध की स्थिति बनी हुई है, जिसका असर न केवल उन देशों के नागरिकों पर, बल्कि पूरी वैश्विक समुदाय पर भी पड़ रहा है। रूस-यूक्रेन, इजरायल-हमास और यमन संघर्ष— ये तीन प्रमुख युद्ध हैं, जिनकी आग में लाखों लोग जल चुके हैं, और करोड़ों लोग विस्थापित हो चुके हैं। इन संघर्षों के थमने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। 2025 में क्या ये भीषण युद्ध खत्म होंगे, यह सवाल दुनिया भर में उठ रहा है।
यमन युद्ध – मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती
यमन में युद्ध की शुरुआत सितंबर 2014 में हुई थी, जब हूती विद्रोहियों ने राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था। इस संघर्ष ने यमन को तबाही के कगार पर ला खड़ा किया। हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन माना जाता है, जबकि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने 2015 में राष्ट्रपति हादी की सरकार को बहाल करने के लिए इस संघर्ष में दखल दिया। इस संघर्ष में अब तक तीन लाख 77 हजार लोग अपनी जान गवां चुके हैं और लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने इसे “सबसे बड़ी मानवीय तबाही” करार दिया है। यमन की आधी से ज्यादा आबादी को मानवीय सहायता की सख्त जरूरत है, और देश में सूखा और भुखमरी जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। युद्ध के बीच हूतियों ने इजरायल पर हमले शुरू कर दिए, जिससे संघर्ष और बढ़ गया है। फिलहाल यमन में यह संघर्ष समाप्त होने के कोई संकेत नहीं हैं, और युद्ध की लपटें अभी भी पूरे क्षेत्र में महसूस की जा रही हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध – एक विनाशकारी संघर्ष
24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था, और तब से ही दोनों देशों के बीच संघर्ष लगातार जारी है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे यूक्रेन को “सैन्यीकरण और नाजीवाद” से मुक्त करने की कवायद बताया था। यूक्रेन को नाटो से बाहर रखने और रूस से अलग हुए क्षेत्रों को फिर से जोड़ने के लिए पुतिन ने यह हमला किया। इस युद्ध में अब तक 12,160 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, और लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं।
यूक्रेन को यूरोपीय संघ और अमेरिका से भारी समर्थन मिल रहा है, जिसमें सैन्य उपकरणों की आपूर्ति और मानवीय सहायता शामिल है। युद्ध ने पूरे यूरोप में गहरी चिंता पैदा कर दी है और दुनिया भर में इस संघर्ष का असर महसूस हो रहा है। रूस की तरफ से किए गए हमलों ने यूक्रेन को तबाह कर दिया है, और वहां की स्थिति बेहद कठिन हो गई है। दोनों पक्षों के बीच संघर्ष अब भी जारी है, और इसके थमने के कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिल रहे हैं।
इजरायल-हमास युद्ध – गाजा की तबाही
इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को उस समय शुरू हुआ, जब हमास के लड़ाकों ने इजरायल पर अचानक हमला कर दिया। इस हमले में करीब 1,195 इजरायली नागरिकों की मौत हुई और 251 लोग बंधक बना लिए गए। इसके जवाब में इजरायल ने गाजा में हमास के खिलाफ बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी।
इस संघर्ष में गाजा में अब तक 46,000 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें 15,000 बच्चे शामिल हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली सेना के हमलों से गाजा की 90% आबादी विस्थापित हो चुकी है। गाजा की स्थिति बेहद भयावह हो चुकी है, जहां जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर और चिकित्सा सुविधाएं नष्ट हो चुकी हैं। इजरायल ने गाजा पर सख्त प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिससे लोगों को भुखमरी और अन्य कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवीय संस्थाओं ने इसे अब तक की सबसे बर्बर सैन्य कार्रवाइयों में से एक करार दिया है। 15 महीने से अधिक समय से यह संघर्ष जारी है और फिलहाल इसका कोई समाधान दिखाई नहीं दे रहा है।
क्या नए साल में थमेंगी ये लड़ाइयां?
नए साल के साथ दुनिया भर में उम्मीदें हैं, लेकिन युद्धग्रस्त इलाकों में लोग अभी भी अपनी जान की सलामती के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यमन, रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास युद्धों ने लाखों लोगों की जान ली है, और करोड़ों लोग विस्थापित हो चुके हैं। इन संघर्षों के थमने के कोई स्पष्ट संकेत नहीं हैं, और यह कहना मुश्किल है कि नया साल इन युद्धों को समाप्त कर पाएगा या नहीं।
हालांकि, दुनिया भर में युद्धों को खत्म करने के लिए प्रयास जारी हैं, लेकिन इन संघर्षों की जड़ें गहरी हैं और समाधान आसान नहीं दिखता। इन युद्धों के दौरान हुई बर्बादी और मानवता पर पड़े असर को ध्यान में रखते हुए, वैश्विक समुदाय को एकजुट होकर शांति की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।