पटना/नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख और पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav ) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले में ट्रायल पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन कोटेश्वर सिंह की पीठ ने यह स्पष्ट किया कि जब मामला दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित है, तब शीर्ष अदालत को इसमें हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
लैंड फॉर जॉब मामला: सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल पर रोक से किया इनकार
लालू यादव ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें हाई कोर्ट ने ट्रायल पर रोक लगाने से इनकार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस अपील को खारिज करते हुए कहा, “हम इस पर रोक नहीं लगाएंगे। अपील खारिज करेंगे और कहेंगे कि मुख्य मामले का निपटारा होने दें।” अदालत ने यह भी जोड़ा कि यह मामला अभी हाई कोर्ट में विचाराधीन है, ऐसे में इसमें हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
व्यक्तिगत पेशी से राहत, लेकिन ट्रायल जारी रहेगा
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को आंशिक राहत देते हुए यह कहा कि उन्हें ट्रायल के दौरान व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने की आवश्यकता नहीं होगी। कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट को यह निर्देश भी दिया कि वह लालू यादव द्वारा दायर याचिका पर शीघ्र सुनवाई करे, जिसमें उन्होंने ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।
अदालत में दलीलें: कपिल सिब्बल बनाम एसवी राजू
सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने पैरवी की, जबकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू पेश हुए। दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई, लेकिन अदालत ने साफ कर दिया कि वह मौजूदा समय में इस याचिका पर कोई दखल नहीं देगी।
लैंड फॉर जॉब घोटाला: क्या है मामला?
लैंड फॉर जॉब घोटाला उस कथित घोटाले को कहा जाता है जिसमें लालू यादव पर रेल मंत्री रहते हुए जमीन के बदले रेलवे में नौकरियां देने का आरोप है। यह मामला CBI की जांच के दायरे में है और इस घोटाले में लालू यादव के साथ उनके परिवार के सदस्य भी आरोपी बनाए गए हैं।
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