पटना : लैंड फॉर जॉब मामले में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव पर शिकंजा कसता जा रहा है। आज प्रवर्तन निदेशालय ने उनको पूछताछ के लिए बुलाया। पटना स्थित ईडी जोनल कार्यालय में 11 बजे से पूछताछ शुरू हुई जो लगभग तीन बजे तक चली। मतलब लगभग चार घंटे तक पूछताछ हुई। इसके बाद लालू यादव ईटी दफ्तर से बाहर निकल गए।
2004-2005 का मामला : आरोपों की कड़ी
लैंड फॉर जॉब घोटाला 2004-2005 के बीच का है, जब लालू यादव भारत सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि इस दौरान ग्रुप-डी के कर्मचारियों की बहाली में नौकरी के बदले उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों और करीबी रिश्तेदारों के नाम पर जमीनों को ट्रांसफर करवाया। यह मामला ईडी और सीबीआई द्वारा जांचा जा रहा है और इसमें लालू यादव के परिवार के पांच सदस्य आरोपी हैं।
तेजस्वी यादव ने लगाया राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप
लालू यादव के साथ-साथ उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी इस मामले में शामिल हैं। तेजस्वी ने ईडी से पूछताछ के सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस मामले से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सब राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है और इस प्रकार के मुकदमे का सामना उनकी पार्टी के खिलाफ किया जा रहा है। तेजस्वी ने कहा, ‘अगर मैं राजनीति में नहीं होता, तो क्या मेरे खिलाफ कोई केस होता?’ उन्होंने यह भी कहा कि वे कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हैं और जो भी एजेंसी उन्हें बुलाती है, वे वहां जाते हैं। तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी द्वारा राज्य में राजनीतिक प्रतिशोध के तहत यह मुकदमे दायर किए गए हैं।
राबड़ी देवी और तेजप्रताप से भी हुई पूछताछ
लालू यादव से पहले, उनके परिवार के अन्य सदस्य भी इस मामले में ईडी के समक्ष पेश हो चुके हैं। मंगलवार को उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजप्रताप यादव से भी इस मामले में पूछताछ की गई थी। इन सभी घटनाक्रमों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, और विपक्ष ने इसे केंद्र सरकार और बीजेपी की ओर से की जा रही राजनीतिक प्रतिशोध की कोशिश बताया है।
रोहिणी आचार्य का बीजेपी पर हमला
लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी इस मामले में बीजेपी और केंद्रीय एजेंसियों पर तीखा हमला बोला। रोहिणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (Twitter) पर एक पोस्ट में लिखा कि ईडी और सीबीआई जैसी सरकारी एजेंसियां उनके परिवार से पूछताछ नहीं कर रही हैं, बल्कि दिल्ली में बैठे ‘आकाओं’ के निर्देश पर यह सब हो रहा है। उन्होंने कहा कि इन एजेंसियों के ‘आका’ इतने ‘मंदबुद्धि’ हैं कि वर्षों से लालू यादव और उनके परिवार की कही हुई बातों को समझने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। रोहिणी ने यह भी कहा कि यह सब राजनीतिक उद्देश्य से किया जा रहा है, ताकि उनके परिवार को दबाव में लाया जा सके।
क्या है लैंड फॉर जॉब घोटाला
लैंड फॉर जॉब घोटाला उस समय का है जब लालू यादव रेल मंत्री थे और ग्रुप-डी की बहाली में कथित तौर पर नौकरी देने के बदले कुछ अभ्यर्थियों से जमीन ट्रांसफर करवायी गई। इस मामले में आरोप है कि यह सब एक बड़े भ्रष्टाचार का हिस्सा था, जिसमें सरकारी नौकरी पाने के लिए जमीन के बदले नौकरी दी गई। ईडी और सीबीआई इस मामले की जांच कर रही हैं और इसके तहत लालू यादव और उनके परिवार के कई सदस्य पूछताछ का सामना कर रहे हैं।