नई दिल्ली : पितृपक्ष के पहले ही दिन यानी बुधवार को चंद्रग्रहण लगा है। हालांकि यह साल का दूसरा चंद्रग्रहण है, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। अब 15 दिन बाद पितृपक्ष में ही इस साल का अखिरी और चौथा सूर्यग्रहण लगेगा।
आज यानी 18 सितंबर (बुधवार) से पितृपक्ष की शरूआत हो चुकी है। इस समय लोग अपने पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे कर्मकांड करते हैं। पितृपक्ष के पहले ही दिन (प्रतिपदा) साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण लगा है। चूंकि यह भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए यहां सूतक भी मान्य नहीं है और ग्रहण संबंधित सावधानियों और कर्मकांड की भी जरूरत नहीं है।
आइए जानते हैं, कब से कब तक है चंद्रग्रहण
उपच्छाया से पहला स्पर्श : बुधवार 18 सितंबर को सुबह 06.12 बजे
प्रच्छाया से पहला स्पर्श : सुबह 07.44 बजे
परमग्रास चंद्र ग्रहण : सुबह 08.14 बजे
प्रच्छाया से अंतिम स्पर्श : सुबह 08.44 बजे
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श : सुबह 10.17 बजे
खंडग्रास की अवधि : 00 घंटा 59 मिनट 59 सेकेंड
उपच्छाया की अवधि : 04 घंटे 04 मिनट 27 सेकेंड
चंद्रग्रहण का परिमाण : 0.08
उपच्छाया चंद्रग्रहण का परिमाण : 1.03
सूर्यग्रहण भारत में दिखाई देगा या नहीं
पितृपक्ष में ही आज से 15 दिन बाद इस साल का चौथा सूर्यग्रहण लगेगा। पंचांग के अनुसार साल 2024 का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण 15 दिन बाद दो अक्टूबर को लगेगा। यह सूर्यग्रहण भारतीय समय के अनुसार रात 9.13 बजे से शुरू होगा और देर रात 3.17 बजे संपन्न होगा। यह भी भारत में नहीं दिखाई देगा।
क्या भारत में लगेगा सूर्य ग्रहण सूतक
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार ग्रहण लगने के 8 घंटे पहले से सूतक काल माना जाता है, लेकिन सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए यहां सूतक काल भी नहीं माना जाएगा। लेकिन जहां-जहां सूर्य ग्रहण दिखाई देगा, वहां सूर्य ग्रहण का सूतक सुबह 9.13 बजे से लग जाएगा।
कहां-कहां दिखेगा सूर्यग्रहण
साल का आखिरी सूर्यग्रहण वलयाकार होगा। यह अर्जेंटीना, प्रशांत महासागर, आर्कटिक, दक्षिणी अमेरिका, पेरू और फिजी आदि देशों में देखा जा सकेगा।
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