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जानें सावन की पांचवीं सोमवारी को कैसे करें पूजा? यह शुभ मुहूर्त व पूजा की विधि है खास

by Rakesh Pandey
जानें सावन की पांचवीं सोमवारी को कैसे करें पूजा, पांचवीं सोमवारी भक्तों के लिए बहुत लाभकारी है, शुभ मुहूर्त अभिजित मुहूर्त के तहत दोपहर 12:18 से 1:10 तक है घर के मंदिर में स्थापित भगवान को दीप दिखाएं
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धर्म कर्म डेस्क,नई दिल्ली/जानें सावन की पांचवीं सोमवारी को कैसे करें पूजा :भगवान शिव का महीना सावन मलमास की वजह से खास हो गया है। इस मौके पर बाबा भेले के भक्त पूजा-अर्चना में जुटे हुए हैं। भक्तों में बाबा के पूजा को लेकर जबर्दस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। 7 अगस्त यानि कल पांचवीं सोमवारी है। इस बार अधिमास लगने से इस साल दो महीने का सावन है। इसमें 8 सोमवारी पड़ रही है, जिसमें 4 सोमवारी समाप्त हो चुकी हैं। वहीं अधिमास की तीसरी सोमवारी कल है।

सोमवारी को लेकर सभी शिव मंदिरों में पूजा के विशेष प्रबंध किये गये हैं। सोमवारी पर बहुत से व्रत भी रखेंगे। धर्म-पुण्य की दृष्टि से पांचवीं सोमवारी भक्तों के लिए बहुत लाभकारी है। 19 वर्षों में इस बार सावन में मलमास लगा है। इस लिए पूजा की महिमा और अधिक हो जाती है।

पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

7 अगस्त को सावन की पांचवीं सोमवारी है। इस दिन लाखों भक्त भगवान शिव की पूजा करेंगे। शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक और जलाभिषेक करेंगे। सावन की पांचवीं सोमवारी व अधिमास की तीसरी सोमवारी को सप्तमी तिथि पड़ रही है। जो अश्विनी नक्षत्र में पड़ रहा है। भक्तों को सोमवारी व्रत के लिए शुभ मुहूर्त अभिजित मुहूर्त के तहत दोपहर 12:18 से 1:10 तक है, जबकि विजय मुहूर्त दोपहर 2:53 से 3:45 तक रहेगा। इसके अलावा गोधूलि मुहूर्त शाम 7:11 से 7:34 तक रहेगा।

बनी रहती है भगवान शिव की कृपा :

इस मुहूर्त में व्रत करने से भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है। इस दिन रवि योग भी बन रहा है। इस लिए भगवान शिव के मंदिरों में जाकर रुद्राभिषेक और जलाभिषेक जरूर करें। पूजा करने से पहले भक्तों को सुबह स्नान ध्यान कर नये वस्त्र धारण करना चाहिए। इसके बाद घर के मंदिर में स्थापित भगवान को दीप दिखाएं। उसके बाद देवी-देवताओं का गंगाजल से अभिषेक करें। उसके बाद फूल और प्रसाद का भोग लगाना शुभ होता है।

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