Home » Srijan Samvad: सृजन संवाद के मिलन समारोह में प्रवाहित हुई काव्य की रसधार

Srijan Samvad: सृजन संवाद के मिलन समारोह में प्रवाहित हुई काव्य की रसधार

संस्था के सदस्यों ने साझा किए अनुभव, बाल साहित्य पर हुआ संवाद

by Dr. Brajesh Mishra
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

जमशेदपुर : कोविड ने बहुत कुछ छीना। लोगों का एक-दूसरे से मिल बैठना बंद हो गया। बातचीत हो रही थी, पर सब हवा में वायवी अर्थात ऑनलाइन चल रहा था। कोविड के बाद 9 जनवरी 2025 को पहली बार सृजन संवाद के सदस्य मिले-बैठे, इस बार स्थान था डॉ. रावत का निवास, विजया गार्डन। कार्यक्रम की तैयारी डॉ. मीनू रावत व डॉ. संतोष रावत ने बड़ी भव्यता के साथ की थी।

डॉ. विजय शर्मा की अध्यक्षता में सर्वप्रथम कविता पाठ का दौर चला।
डॉ. उमा सिंह ने मार्मिक कविता ‘चू-चू चिरैया…’ से शुरुआत की। इसमें एक स्वतंत्र विचरने वाली चिड़िया की प्रकृति और आज के युग में लड़कियों की सुरक्षा को दर्शाया गया है। डॉ. रावत ने ‘ओ री चिरैया…’ गीत सुनाया। कवयित्री आभा विश्वकर्मा ने कविता ‘मॉडलिंग करती लड़कियों’ का पाठ किया, जिसमें मॉडर्न लड़कियों के अंतरमन की दुख भरी कहानी छिपी थी। लेखन में कदम रखने वाली वीना कुमारी की कविता ‘तुम पढ़ोगे क्या’ को सबने सराहा।

अजय मेहताब ने नशा मुक्ति अभियान पर शायरी प्रस्तुत की। अर्चना अनुपम ने किताबों से जुड़ी ‘किताबें’ कविता का पाठ किया। इस पर डॉ. रावत ने गुलजार की ‘किताब’ पाठ का वीडियो दिखाया। डॉ. अंजू ने बाल साहित्य पर आधारित ‘माटी कहे कहानी’ का वाचन किया, जिसमें मिट्टी की आत्मकथा का चित्रण किया गया है। कवयित्री डॉ. क्षमा त्रिपाठी ने आज के युग में छोटी-छोटी बच्चियां भी सुरक्षित नहीं हैं, इससे जुड़ी मार्मिक कविता ‘सोन चिरैया’ का पाठ किया। वैभव मणि त्रिपाठी वीडियो बनाने में जुटे रहे, ताकि सनद रहे।

खानपान के बीच इस आयोजन का मुख्य आकर्षण था, डॉ. मीनू रावत द्वारा निर्मित ‘गोल्फ’ वीडियो। वे स्वयं एक सफ़ल गोल्फर हैं, उन्होंने कई मेडल जीते हैं। उनके लिए गोल्फ़ मात्र खेल नहीं, यह जीवन का, जीवन दर्शन का पर्याय है। कार्यक्रम का यह हिस्सा बहुत रोचक एवं ज्ञानवर्धक था, क्योंकि सृजन संवाद के कई सदस्य पहली बार गोल्फ के बारे में इतनी विस्तृत जानकारी प्राप्त कर रहे थे।

डॉ. मीनू ने बताया कि यह गेम ध्यान, योग एवं दिमाग का है, जिसमें संयम से खेलना होता है। यह फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ मेंटल फिटनेस भी प्रदान करता है। इसमें सकारात्मक सोच की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गोल्फ़र डॉ. संतोष रावत ने भी इस गेम के कई पहलुओं की जानकारी दी। कार्यक्रम डॉ. उमा सिंह के व्यवस्थित शब्दों वाले धन्यवाद ज्ञापन से पूर्ण हुआ।

Related Articles