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Lokpal Ranjiv Shankar: बैंकिंग फ्रॉड होने पर डायल करें 1930, साइबर थाना और बैंक में तत्काल करें शिकायत : रणजीव शंकर

by Rakesh Pandey
Lokpal Ranjiv Shankar
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जमशेदपुर/Lokpal Ranjiv Shankar: भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना के तहत बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन प्रेक्षागृह में ग्राहक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, झारखंड क्षेत्र के लोकपाल रणजीव शंकर उपस्थित थे।

कार्यक्रम में रणजीव शंकर ने कहा कि वर्तमान समय में साइबर फ्रॉड से हमें बचना है। तरह-तरह के नए तरीके साइबर फ्रॉड अपनाते हैं, इससे सतर्कता ही बचाव है। लोगों को सही जानकारी रखनी चाहिए। बैंक के एटीएम और ऑनलाइन बैंकिंग के पिन, सीवीवी नंबर, पासवर्ड कभी भी किसी को नहीं बताएं। यह बेहद निजी होते हैं। इसके साथ ही रणजीव शंकर ने कहा कि बैंकिंग फ्रॉड होने पर तुरंत 1930 पर कॉल करें।

साइबर थाना को त्वरित सूचित करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराएं। वहीं 3 दिनों के अंदर बैंक को लिखित सूचना दें। फ्रॉड के मामले में बैंक अपनी जांच करेगा, इसमें यह देखा जाएगा कि गलती किसकी है, अगर लालच या अन्य कारणों से खाताधारक ने जानबूझकर गलती नहीं की है, इनसे ठगी हुई है, तो बैंक को पैसा वापस करना है।

इसे लेकर नियमों का पालन करते हुए बैंक को खाताधारक के हित का ध्यान रखना है। कार्यक्रम के दौरान बैंक ऑफ इंडिया के जोनल मैनेजर केबीएस चंद्रमौली और नाबार्ड की अधिकारी जस्मिका बास्के ने भी अपने विचार रखे।

कार्यक्रम के दौरान लोगों ने डिजिटल बैंकिंग के दौर में हो रही समस्याओं को लेकर सवाल-जबाव भी किए। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और बैंकों की ओर से इस प्रश्नों पर जवाब भी दिया गया।

कार्यक्रम में बतौर अतिथि बैंक ऑफ इंडिया के जोनल मैनेजर केबीएस चंद्रमौली, नाबार्ड की अधिकारी जसमिका बास्के और पेंशनर समाज से एसपी सिंह के अलावा व्यापारी, बैंकर, विद्यार्थी, महिलाएं, स्वयं सहायता समूह के कार्यकर्ता और आम नागरिक भी शामिल हुए।

Lokpal Ranjiv Shankar: ठगी के नए तरीके

– फिशिंग लिंक के जरिए धोखाधड़ी

– जूस जैकिंग-चार्जिंग के दौरान डाटा ट्रांसफर कर धोखाधड़ी

– स्क्रीन शेयरिंग एप के मार्फत धोखाधड़ी

– वायस एप का इस्तेमाल कर पैसे मांग कर धोखाधड़ी

– फ्री वाई-फाई के माध्यम से डाटा जुटाकर ठगी

– कैश बैक ऑफर से धोखाधड़ी

 

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