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शहरनामा: मन में फूट रहे थे लड्डू

by Rakesh Pandey
Loksabha Election 2024 Politics
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Loksabha Election 2024 Politics: लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व बीत गया। कड़ी मेहनत के बाद जब फल खाने की बारी आई, तो उससे पहले हल्ला-पोल आ गया। उसे देखकर फूल वाले फूले नहीं समा रहे थे, तो पंजा-तीर वालों के मन में भी लड्डू फूट रहे थे। मजे की बात यह रही कि मन ही मन सभी गदगद थे, लेकिन पब्लिक में लड्डू कोई नहीं बांट रहा था। दूसरे दिन जब कारू का खजाना खुला तो सबने लड्डू बंटे।

Loksabha Election 2024 Politics: कील-खूंटी कैसे होगा दुरुस्त

इस बार का चुनाव पिछले दो चुनावों से काफी अलग रहा। इस बार इसने मजबूत कील-खूंटी वालों को जमीन पर पटक दिया। एक मोहतरमा दलबदल कर गंगा पार करने की जुगत में थीं, लेकिन जनता ने बता दिया कि वे बंधुआ मजदूर नहीं हैं। उन्होंने तीर-कमान के प्रति निष्ठावान मैडम को हस्तिनापुर पहुंचा दिया, जबकि मोहतरमा को हस्तिनापुर से अरण्य में रहने के लिए मजबूर कर दिया।

Loksabha Election 2024 Politics: गिफ्ट से मिल जाएगा टिकट

लोकतंत्र के पर्व में कोई मेहनत करके अपनी टिकट पक्की करना चाहता है, तो कोई बयानवीर बनकर नाम कमाना चाहता है। अभी पता चला है कि गिफ्ट बांट कर भी टिकट पाने की जुगत लगाई गई है। महंगी कार व बेशकीमती घड़ी भेंट कर एक नेता ने बड़े आका से एक अदद टिकट की गुहार लगाई है। देखने वाली बात होगी कि गिफ्ट से टिकट मिलता है कि नहीं। तब तक पानी बांटते रहेंगे, यह तय है।

Loksabha Election 2024 Politics: माटी से बड़ी पार्टी नहीं

यह जुमला अपने शहर के एक प्रख्यात नेताजी अक्सर कहते हैं, लेकिन इसे चरितार्थ करके दूसरे नेता ने दिखा दिया है। बताते हैं कि इस बार उन्हें रणक्षेत्र में घोड़ी चढ़ाने के लिए सहयोगी दल के दूल्हे ने मोटा माल दिया था। लेकिन दाढ़ी वाले नेता ने उसे माटी यानी समाज के लिए बचा लिया। यही नहीं, दाढ़ी वाले नेता ने धुर विरोधी दल के नेता से भी माल पकड़ लिया। उसे भी माटी के लिए रख लिया।

 

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