जमशेदपुर : भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की एक झलक देखने के लिए लाखों भक्त उत्साहित है। 20 जून को पूरे शहर में धूमधाम रथ यात्रा का आयोजन किया जायेगा। इससे पहले 18 जून रविवार को शहर में कई मंदिरों में भगवान जगन्नाथ का नेत्र उत्सव मनाया गया। कई मंदिरों में सोमवार को भी नेत्र उत्सव मनाया जायेगा। उत्कल एसोसिएशन साकची, बेल्डीह नागा मंदिर, बड़ा हनुमान मंदिर मानगो में भगवान जगन्नाथ का धूमधाम से नेत्र उत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मंदिर के पुजारियों ने पर्दे के अंदर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को स्नान कराया गया। उसके बाद वस्त्र और आभूषण से सुशोभित किया गया। इसके पश्चात् भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के आँखों में काजल लगाया गया। इसके बाद चंदन और सिंदूर का तिलक लगाया गया। इसके बाद भक्तों के लिए भगवान दर्शन देते है। शहर में कई मंदिरों में सोमवार को भी नेत्र उत्सव का आयोजन किया जायेगा। इस्कॉन मंदिर में 19 को नेत्र उत्सव का आयोजन होगा। इस्कॉन के प्रभु जी ने बताया कि यहाँ सभी नियम जगन्नाथ पूरी की तरह होता है। उन्होंने बताया की जगन्नाथ पूरी में भगवान का नेत्र उत्सव 19 जून को होगा, उसी दिन इस्कॉन मंदिर में भी नेत्र उत्सव मनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि 20 जून को रथ यात्रा के लिए सारी तैयारी पूरी कर ली गई है।
-उत्कल एसोसिएशन में कलश यात्रा के साथ हुआ नेत्र उत्सव
उत्कल एसोसिएशन के पुजारी आचार्य गोपीनाथ मिश्र ने बताया कि नेत्र उत्सव का आयोजन पूर्णिमा के 14 दिन बाद किया जाता है। 15 वां दिन भगवान स्वस्थ हो जाते है। इससे पहले भगवान पिछले 5 जून पूर्णिमा को ज्वर से पीड़ित हो गए थे। उन्होंने बताया कि 15 वां दिन पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाते हैं और उस दिन मंदिर में नेत्र उत्सव होता है। इसमें भगवान जगन्नाथ अपने भाई और बहन के साथ भक्तों को दर्शन देते हैं। उन्होंने बताया कि उत्कल एसोसिएशन में वार्षिक यज्ञ का आयोजन के तहत रविवार सुबह 8 बजे कलश यात्रा का आयोजन किया गया। यज्ञ तीन दिन तक चलेंगे। उन्होंने बताया कि कलश में जल भरने के लिए भक्त साकची मानगो स्थित स्वर्ण रेखा नदी घाट पहुंचे, उसके बाद सभी भक्तों ने कलश में जल भरकर पुनःउत्कल एसोसिएशन प्रांगण में बनाये गए यज्ञ मंडप में स्थापित किये. इसके पश्चात् भगवान का नेत्र उत्सव का आयोजन किया गया। पुजारी ने बताया कि नेत्र उत्सव का आयोजन परदे के पीछे किया गया. इस अवसर पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और शुभद्रा का स्वास्थ्य स्नान कराया गया, इसके बाद नये वस्त्र और आभूषण से सुशोभित किया गया। इसके बाद उन्हें फूल माला पहनाकर भगवान के नेत्र में काजल लगाया गया। वहीं बेल्डीह नागा मंदिर में ब्रह्म मुहूर्त में श्री जगन्नाथ महाप्रभु ,भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को पंचामृत स्नान कराया गया। मंदिर के ट्रस्टी शशी तिवारी ने अपने हाथों से भगवान के आखों में काजल लगाकर नेत्र का सिंगार किया। इसके उपरांत नेत्र उत्सव पर मंगल आरती भी की गई। इसके बाद मंदिर का पट खोल दिया गया. शशी तिवारी ने बताया कि मंगलवार 20 जून को दिन के 3 बजे रथ यात्रा निकाली जाएगी। वहीं वापसी यात्रा 28जुन को होगी।