मध्यप्रदेशः श्योपुर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। इससे शादी के दिन की खुशियां शोक में बदलकर रह गईं। यहां एक दूल्हे को शादी के दिन घोड़ी पर बैठे-बैठे हार्ट अटैक आ गया और उसकी मृत्यु हो गई। यह घटना न केवल दूल्हे के परिवार, बल्कि समूचे गांव के लिए एक गहरा गम लेकर आई है।
क्या हुआ था शादी के दिन?
यह घटना शुक्रवार रात की है जब श्योपुर शहर के एक मैरिज गार्डन में प्रदीप जाट की शादी हो रही थी। प्रदीप घोड़ी पर सवार होकर अपने बारातियों के साथ दुल्हन के घर की ओर बढ़ रहे थे। घोड़ी पर बैठकर वह नाचते हुए स्टेज की ओर बढ़ रहे थे और शादी की खुशियां छाई हुई थीं। लेकिन जैसे ही प्रदीप स्टेज के करीब पहुंचने वाले थे, अचानक वह घोड़ी पर बैठे-बैठे ही अचेत हो गए।
शुरुआत में किसी का ध्यान इस ओर नहीं गया, क्योंकि शादी के माहौल में सभी लोग अपनी-अपनी गतिविधियों में व्यस्त थे। घोड़ी वाला प्रदीप को संभालता रहा, लेकिन जैसे ही पास खड़े लोगों ने प्रदीप को अचेत अवस्था में देखा, तुरंत अफरा-तफरी मच गई।
अस्पताल में किया गया प्रयास, लेकिन…
शादी की खुशियां पल भर में उदासी में बदल गईं। दूल्हे को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शादी के दौरान दूल्हे की अचानक मौत ने न केवल उसके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया, बल्कि दुल्हन के लिए तो यह हादसा किसी भयावह सपने से कम नहीं था। वह सज-धज कर अपने दूल्हे का इंतजार कर रही थी, लेकिन जब उसे उसकी मौत की खबर मिली, तो उसके पैरों तले ज़मीन खिसक गई। शादी की तैयारियां और खुशियों की जगह मातम ने ले ली थी।
प्रदीप जाट का जीवन और परिवार
प्रदीप जाट का परिवार राजनीतिक और सामाजिक दायित्वों से जुड़ा हुआ था। प्रदीप खुद भी एक प्रतिष्ठित शख्सियत थे और एनएसयूआई के पूर्व जिला अध्यक्ष रह चुके थे। उनके चाचा योगेश जाट, जो कि कांग्रेस के प्रदेश सचिव हैं, उनके मार्गदर्शन में प्रदीप ने राजनीति में कदम रखा था। प्रदीप के निधन से उनके परिवार और समर्थकों में भारी शोक की लहर है।
जिंदगी का अनिश्चितता
यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि जिंदगी कितनी अनिश्चित और अप्रत्याशित होती है। किसी भी खुशी के मौके पर कभी भी कोई भी घटना घट सकती है, जो हमें यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि हर दिन की अहमियत कितनी बढ़ जाती है। शादी के दिन जब सभी लोग खुशियां मना रहे थे, उसी वक्त जीवन ने एक मोड़ लिया और परिवार के सपनों को चकनाचूर कर दिया।
यह घटना ना केवल श्योपुर के लिए, बल्कि समूचे जिले और राज्य के लिए एक शोक का कारण बन गई है। प्रदीप जाट की मृत्यु ने सभी को यह एहसास दिलाया कि जीवन कितनी जल्दी खत्म हो सकता है और हमें हर पल को पूरी तरह जीने की कोशिश करनी चाहिए।
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