प्रयागराज : महाशिवरात्रि के मौके पर महाकुंभ 2025 का समापन हो गया है। यह ऐतिहासिक आयोजन 45 दिनों तक चला और लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का साक्षी बना। हालांकि, संगम क्षेत्र पर आस्था का प्रवाह अब भी जारी है। पौष पूर्णिमा से लेकर महाशिवरात्रि तक चलने वाला यह महाकुंभ 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का संगम बना। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज इस विशाल धार्मिक आयोजन का औपचारिक समापन करेंगे।
प्रयागराज से लौटने लगे श्रद्धालु
प्रयागराज से श्रद्धालुओं के लौटने का सिलसिला बुधवार से शुरू हो गया है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा और प्रबंधन बढ़ा दिया गया है। जवानों को अगले तीन दिनों तक अलर्ट मोड पर रखा गया है और गुरुवार को रेलवे परिसर में सबसे अधिक भीड़ रहने का अनुमान है। प्रशासन की ओर से यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
परिजनों से बिछड़े श्रद्धालु
महाकुंभ के दौरान 48,500 श्रद्धालु अपने परिवारों से बिछड़ गए थे। इनमें पुरुषों की संख्या महिलाओं से अधिक रही। कुछ दिनों तक इंतजार करने के बाद, ये श्रद्धालु अपने परिजनों से मिल पाए, हालांकि एक 6 साल का बच्चा अब तक अपने परिवार से नहीं मिल पाया है। इस बीच, प्रशासन ने बिछड़े हुए श्रद्धालुओं को उनके परिजनों से मिलाने के लिए विशेष प्रयास किए हैं।
संगम में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालु
महाकुंभ में बुधवार रात तक 1.53 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई। पूरे महाकुंभ के दौरान 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। यह संख्या अपने आप में इस आयोजन की विशालता और महिमा को दर्शाती है।
समापन समारोह में शामिल होंगे कई मंत्री और अधिकारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज महाकुंभ के समापन समारोह में भाग लेंगे। इस अवसर पर कई मंत्री और उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। महाकुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने जानकारी दी कि महाशिवरात्रि के साथ ही महाकुंभ का समापन हो गया है और समापन समारोह गुरुवार को संगम क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा
10.35 बजे डीपीसी हेलीपैड अरैल पहुंचेंगे।
11.00 बजे संगम नोज पर गंगा पूजन करेंगे।
11.40 बजे महाकुंभ समापन समारोह में शिरकत करेंगे।
इस दौरान वे सफाई कर्मियों, नाविकों, रोडवेज के ड्राइवरों, पुलिस जवानों और अधिकारियों से संवाद करेंगे और उन्हें सम्मानित करेंगे।
स्वच्छता में योगदान देने वाले कर्मियों की सराहना
महाकुंभ में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया गया और इसमें 15,000 सफाईकर्मियों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सफाई प्रभारी डॉ. आनंद सिंह ने बताया कि इन कर्मियों ने 24 घंटे ड्यूटी पर रहकर घाटों और शौचालयों की सफाई सुनिश्चित की। उनकी मेहनत और प्रतिबद्धता की सराहना की गई।
महाकुंभ में शामिल हुईं बड़ी हस्तियां
महाकुंभ के दौरान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री, फिल्मी सितारे और खेल जगत की प्रमुख हस्तियों ने संगम में डुबकी लगाई। इसके साथ ही, प्रदेश सरकार द्वारा किए गए इंतजामों की सराहना भी की गई। इस महाकुंभ में प्राचीनता और आधुनिकता का संगम देखने को मिला, जहां अत्याधुनिक तकनीकों जैसे एआई कैमरे और एंटी ड्रोन प्रणालियों का उपयोग किया गया था।
विपक्ष ने उठाए सवाल
मौनी अमावस्या पर भगदड़ की घटना को लेकर विपक्षी दलों ने प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे ‘मृत्युकुंभ’ करार दिया, जबकि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने मृतकों की संख्या को लेकर सरकार पर आरोप लगाए। इन घटनाओं के बावजूद, महाकुंभ की व्यवस्था और श्रद्धालुओं की आस्था का प्रवाह प्रभावित नहीं हुआ।
महाकुंभ नगर : यूपी का 76वां जिला
महाकुंभ के आयोजन के लिए यूपी में एक नया जिला ‘महाकुंभ नगर’ अधिसूचित किया गया, जो प्रदेश का 76वां अस्थायी जिला है। इस जिले में मेला संचालन के लिए विशेष प्रशासनिक नियुक्तियां की गईं, जिनमें जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी शामिल थे।
सातवें महाकुंभ में हुई घटनाएं और समाधान
महाकुंभ के दौरान, विशेष रूप से मौनी अमावस्या पर भगदड़ की घटना ने मेला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती पेश की। हालांकि, इस घटना से प्रशासन ने सीख ली और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए पुख्ता उपाय किए गए। इसके बाद, साधु-संतों ने अमृत स्नान किया और बसंत पंचमी पर स्नान करके मेला छोड़ दिया।
45 दिन में 10 बार महाकुंभ पहुंचे योगी
सोशल मीडिया के चर्चित चेहरों में हर्षा रिछारिया, माला बेचने वाली युवती मोनालिसा भोसले और ‘आईआईटी बाबा’ के नाम से प्रसिद्ध अभय सिंह ने भी इस मेले में सुर्खियां बटोरी। महाकुंभ के आयोजन को लेकर प्रदेश सरकार शुरू से ही गंभीर रही और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 45 दिनों में 10 बार महाकुंभ नगर आकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसके अलावा, उन्होंने लखनऊ और गोरखपुर में नियंत्रण कक्ष से मेले पर पैनी नजर रखी।