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Mahakumbh 2025 : श्रद्धालुओं के साथ सौम्य व्यवहार के लिए पुलिस को मिल रहा विशेष प्रशिक्षण

पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देने के लिए पुलिस लाइन में एक विशेष मॉड्यूल तैयार किया गया है, जिसमें व्यवहार, सेवा भाव, और संकट के समय में श्रद्धालुओं की मदद करने के तरीके शामिल हैं।

by Rakesh Pandey
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लखनऊ : प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ 2025, जो मकर संक्रांति स्नान से शुरू होगा, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम माना जाता है। इस महासंयोग में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के साथ पुलिसकर्मियों का सौम्य और सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की है।

पुलिस प्रशिक्षण का उद्देश्य: सौम्य और आत्मीय व्यवहार

महाकुंभ के दौरान सुरक्षा के साथ-साथ श्रद्धालुओं के प्रति पुलिसकर्मियों का व्यवहार भी बेहद महत्वपूर्ण होता है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (कुंभ) राजेश द्विवेदी ने बताया कि इस बार पुलिस प्रशिक्षण में विशेष रूप से श्रद्धालुओं के साथ सौम्य और आत्मीय व्यवहार पर जोर दिया जा रहा है। उनका उद्देश्य है कि हर श्रद्धालु को सुखद अनुभव मिले और वे अपनी श्रद्धा के साथ महाकुंभ की पवित्रता का अनुभव करें।

प्रशिक्षण की प्रक्रिया

पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देने के लिए पुलिस लाइन में एक विशेष मॉड्यूल तैयार किया गया है, जिसमें व्यवहार, सेवा भाव, और संकट के समय में श्रद्धालुओं की मदद करने के तरीके शामिल हैं। इस प्रशिक्षण में बाहरी संस्थाओं के विशेषज्ञ भी शामिल हो रहे हैं, ताकि पुलिसकर्मियों को सही मार्गदर्शन मिल सके। अभी तक 1500 पुलिसकर्मियों को यह प्रशिक्षण दिया जा चुका है, और 40,000 पुलिसकर्मियों में से अधिकांश को प्रशिक्षित किया जाएगा।

पुलिस लाइन में आयोजित इस प्रशिक्षण शिविर में एक साथ 700 पुलिसकर्मियों को 21 दिन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जैसे-जैसे मेला नजदीक आएगा, प्रशिक्षण की अवधि घटाकर 14 दिन कर दी जाएगी।

पुलिसकर्मियों का अनुभव

मथुरा से मेला ड्यूटी पर आए हेड कांस्टेबल सतीश कुमार यादव ने बताया, “इस प्रशिक्षण ने हमें यह सिखाया कि श्रद्धालुओं से किस प्रकार विनम्रता से पेश आना है और संकट के समय उनकी मदद कैसे करनी है। इसके अलावा, साइबर अपराध से बचाव और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी बहुत कुछ सीखा।”

साइबर अपराध और सुरक्षा के पहलू

साइबर सुरक्षा के पहलू पर भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साइबर अपराध विशेषज्ञ पवन कुमार ने पुलिसकर्मियों को सचेत करते हुए कहा, “ड्यूटी के दौरान किसी भी व्यक्ति को ऐसा मौका न दें, जिससे वह आपके खिलाफ वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर सके।”

भाषाई बाधाओं का समाधान

पुलिस विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि श्रद्धालुओं को भाषा की समस्या का सामना न करना पड़े। इसके लिए पुलिस बल में द्विभाषी (ट्रांसलेटर) कर्मी तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा, दूसरे राज्यों से आने वाले पुलिसकर्मी भी श्रद्धालुओं की भाषा समझने में मदद करेंगे। पुलिस बल का नया ऐप “भाषिनी” श्रद्धालुओं की मदद के लिए तैयार किया गया है, जो भाषाई समस्याओं को दूर करने में सहायक होगा।

नई तकनीकों का इस्तेमाल

इस बार महाकुंभ में नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जाएगा, जिससे सुरक्षा की दृष्टि से पुलिसकर्मियों को बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा। मेला प्रशासन ने पहली बार एक एआई जेनरेटिव चैटबॉट “कुंभ सहायक” विकसित किया है, जो श्रद्धालुओं को महाकुंभ से जुड़ी जानकारी 10 से अधिक भाषाओं में प्रदान करेगा।

घुड़सवार पुलिसकर्मी और सुरक्षा के उपाय

महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 160-170 घोड़े और उतने ही घुड़सवार पुलिसकर्मियों की व्यवस्था की गई है, जो खासतौर पर भीड़ नियंत्रण में मदद करेंगे। इसके साथ ही, पुलिस बल को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं कि मेला क्षेत्र में कोई भी ऐसी घटना न हो, जिससे श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे।

महाकुंभ 2025 का आयोजन न केवल एक विशाल धार्मिक समागम होगा, बल्कि यह सुरक्षा, सौम्यता, और तकनीकी उन्नति के मामले में एक नया मानक स्थापित करने जा रहा है।

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