प्रयागराज : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला क्षेत्र में एक दुखद घटना सामने आई है। किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कल्याणी नंद गिरि (उर्फ छोटी मां) पर 13 फरवरी को जानलेवा हमला किया गया। इस हमले में नंद गिरि बुरी तरह घायल हो गईं और उनके तीन शिष्य भी हमलावरों के हमले का शिकार हुए। यह घटना प्रयागराज के सेक्टर 16 स्थित किन्नर अखाड़े के पास हुई, जब कल्याणी नंद गिरि अपनी कार से घर लौट रही थीं। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और घायलों को उपचार के लिए महाकुंभ के सेंट्रल अस्पताल में भर्ती किया है।
क्या हुआ घटनास्थल पर
पुलिस के अनुसार, कल्याणी नंद गिरि 13 फरवरी की रात अपनी फॉर्च्यूनर कार से अखाड़े से निकलकर सदियापुर स्थित अपने घर की ओर जा रही थीं। जैसे ही वह संगम लोवर मार्ग पर कुछ दूर आगे बढ़ीं, कुछ लोग आशीर्वाद लेने के बहाने उनकी कार को रोकने के लिए आए। आशीर्वाद लेने का बहाना बनाकर जब कल्याणी नंद गिरि कार से बाहर निकलीं, तो अचानक उन पर धारदार हथियार से हमला कर दिया गया। हमलावरों ने कल्याणी नंद गिरि के साथ-साथ उनके तीन शिष्यों पर भी हमला किया। हमलावरों द्वारा किए गए इस हमले में चार लोग घायल हुए हैं।
घायलों को तुरंत सेंट्रल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। कल्याणी नंद गिरि और उनके शिष्यों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है, लेकिन उनकी जान को खतरा नहीं है।
पुलिस जांच में जुटी
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने हमलावरों की पहचान करने की कोशिश शुरू कर दी है। इस हमले की प्रकृति को देखते हुए पुलिस ने इसे जानलेवा हमला माना है। पुलिस ने कहा कि हमलावरों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले के पीछे का वास्तविक कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन हमले का उद्देश्य कल्याणी नंद गिरि को नुकसान पहुंचाना प्रतीत होता है।
पहले भी हो चुका है हमला
यह पहला हमला नहीं है, जब किन्नर अखाड़े की प्रमुख पर हमला हुआ हो। कुछ समय पहले, इसी अखाड़े की दूसरी महामंडलेश्वर हिमांगी सखी पर भी हमला किया गया था। हिमांगी सखी पर हमला तब हुआ था, जब वह अपने कैंप में थीं। हिमांगी सखी ने इस हमले का आरोप आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर लगाया था और उन्होंने कहा था कि ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने को लेकर किए गए सवालों के कारण उन पर यह हमला हुआ। हालांकि, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने इन आरोपों से साफ इनकार किया था और इस विवाद को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की थी।
इन घटनाओं ने किन्नर अखाड़े के भीतर सुरक्षा और आपसी विवादों को लेकर कई सवाल उठाए हैं। किन्नर समाज में इस तरह की हिंसा का बढ़ता हुआ चलन चिंता का कारण बन गया है। सुरक्षा व्यवस्था में सुधार और इन मुद्दों के समाधान के लिए प्रशासन को कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।