Sambhajinagar (Maharashtra) : महाराष्ट्र के भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे पर एक विवाद खड़ा हो गया है। यह घटना सोमवार को जालना जिले के भोकरदान में हुई, जब दानवे शिवसेना नेता अर्जुन खोतकर के साथ तस्वीर खिंचवाते समय एक व्यक्ति को लात मारते हुए दिखाई दिए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और राजनीति में बवाल मच गया।
क्या हुआ था उस दिन?
20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के प्रचार के तहत रावसाहेब दानवे महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों में दौरा कर रहे हैं। भोकरदान में एक कार्यक्रम के दौरान जब दानवे शिवसेना नेता अर्जुन खोतकर के साथ एक तस्वीर खिंचवा रहे थे, तब एक व्यक्ति अचानक तस्वीर के फ्रेम में घुसने की कोशिश करता है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दानवे उस व्यक्ति को अपने दाहिने पैर से लात मारते हुए और दूर जाने का इशारा करते हैं।
दानवे का दोस्त होने का दावा
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिस पर कई तरह के बयान सामने आने लगे। उस व्यक्ति ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि वह रावसाहेब दानवे का करीबी दोस्त है और वह केवल उनकी शर्ट ठीक करने की कोशिश कर रहा था। उसने कहा, “मैं दानवे का 30 साल पुराना दोस्त हूं। जो खबर वायरल हो रही है, वह पूरी तरह गलत है। मैं तो बस उनकी शर्ट ठीक कर रहा था, कुछ नहीं।”
विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया
इस घटना पर विपक्षी नेताओं ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। शिवसेना-उद्धव बाला साहेब ठाकरे (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “रावसाहेब दानवे को अब फुटबॉल खेलना चाहिए था। पिछले दो सालों में भाजपा कार्यकर्ताओं को कुछ नहीं मिला, और अब अगर लोग भाजपा को फिर से वोट देने की सोच रहे हैं, तो उन्हें इस घटनाक्रम पर पुनर्विचार करना चाहिए।”
विवाद का असर और भाजपा की स्थिति
यह घटना भाजपा के लिए एक नई मुश्किल खड़ी कर सकती है, खासकर जब चुनावी माहौल गरम हो चुका है। पार्टी के नेताओं पर इस तरह के विवादित वीडियो का वायरल होना भाजपा के लिए नुकसानदेह हो सकता है, क्योंकि यह उनके समर्थकों के बीच असंतोष को बढ़ावा दे सकता है। वहीं, भाजपा समर्थकों ने इसे केवल एक ‘अक्सर होने वाली घटना’ बताया है, लेकिन विपक्षी दल इसे भाजपा के कार्यकर्ताओं के आक्रामक और उग्र रवैये से जोड़ रहे हैं।
चुनावी माहौल गरमाया
बताया जा रहा है कि रावसाहेब दानवे द्वारा किए गए इस विवादास्पद कृत्य पर अभी और भी प्रतिक्रियाएं आ सकती हैं। इस घटना ने चुनावी माहौल को और भी गर्म कर दिया है, और यह देखना होगा कि इसका भाजपा पर क्या असर पड़ता है। इस बीच, दानवे के पक्ष में उनके करीबी समर्थक लगातार बयान दे रहे हैं, जबकि विपक्ष इस मुद्दे को चुनावी राजनीति का हिस्सा बना रहा है।