रांची : राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स में व्यवस्था सुधारने को लेकर प्रबंधन ने प्रयास तेज कर दिए हैं। अब हॉस्पिटल में लेटेस्ट मशीनें लगाने के साथ ही हॉस्पिटल में कई और सुविधाएं बढ़ाने को लेकर काम तेज कर दिया गया है। इसके तहत मरीजों की जांच हाईटेक मशीनों से होगी। अब रिपोर्ट के लिए उन्हें अलग-अलग काउंटरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। चूंकि सभी रिपोर्ट आनलाइन उपलब्ध होगी। वहीं नई व्यवस्था के तहत मरीजों की जांच सस्ती दर पर की जा सकेगी। इसके अलावा अब डॉक्टर जो दवा मरीजों को लिखेंगे, वह भी प्रिंटेड फार्म में होगी। इससे मरीजों की पूरी डिटेल भी डॉक्टरों के पास अवेलेवल होगी।
एमआरआई समेत कई मशीनें होंगी उपलब्ध
रिम्स के कई विभागों में मशीन उपकरण और दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आदेश जारी किए गए हैं, जिससे हॉस्पिटल में स्वास्थ्य सेवा को और बेहतर बनाया जा सकेगा। प्रबंधन ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 50.86 करोड़ की लागत से मशीन उपकरण खरीदने का आदेश दियाहै, जिसमें 3टी एमआरआई, मल्टी पारा मॉनिटर, एनेस्थिसिया वर्क स्टेशन, इसीएमओ मशीन और सी आर्म मशीन शामिल हैं। इन उपकरणों के आने से रिम्स में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी। विभिन्न चिकित्सा जांच और उपचार प्रक्रिया में भी सहूलियत होगी।
केमिकल की भी निर्बाध होगी सप्लाई
दवा और केमिकल की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए एक टेंडर प्रक्रिया पूरी की गई है, जिसके तहत दरों का निर्धारण भी किया गया है। इससे यह सुनिश्चित किया गया है कि हॉस्पिटल में जरूरी दवाओं और रीएजेंट की कमी नहीं होगी। इसके अलावा 166 करोड़ रुपये की टेंडर प्रक्रिया चल रही है, जिससे दवाएं, केमिकल और सर्जिकल आइटम्स की हॉस्पिटल में कमी नहीं होगी। सेंट्रल लैब के संचालन के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसमें एक फुली आटोमेटेड फाइव पार्ट हेमैटोलॉजी खरीदने का आदेश दिया गया है, जिसे रीएजेंट रेंटल बेसिस पर चलाया जाएगा। इस इक्विपमेंट से लैब में ब्लड टेस्ट में तेजी आएगी।
ओपीडी में लगेंगे कंप्यूटर
हॉस्पिटल में रजिस्ट्रेशन सॉफ्टवेयर को अपडेट कर दिया गया है। वहीं डॉक्टरों के वार्ड में भी कंप्यूटर लगाने की तैयारी है, जिससे मरीजों को देखने के बाद डॉक्टर कंप्यूटर में दवा लिखेंगे। इसके बाद मरीजों को प्रिंटेड पर्ची दी जाएगी। इससे मरीजों की पूरी हिस्ट्री भी डॉक्टरों के पास रहेगी। ऐसे में मरीजों को हर बार पर्ची लाने की झंझट नहीं होगी। केवल रजिस्ट्रेशन नंबर बताने से उनकी पूरी जानकारी स्क्रीन पर होगी। वहीं टेस्ट रिपोर्ट भी डॉक्टर आनलाइन ही देख सकेंगे।
हॉस्पिटल में आते हैं कई राज्यों के मरीज
रिम्स में झारखंड के अलावा बिहार, ओडिशा, बंगाल से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं। इस हॉस्पिटल पर उन्हें भरोसा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ओपीडी में मरीजों की संख्या 2 हजार के पार पहुंच गई है। इमरजेंसी में भी यह आंकड़ा 500 के पार पहुंच गया है। आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या और बढ़ेगी। इसे देखते हुए ही प्रबंधन ने आनलाइन सुविधाएं बढ़ाई हैं, जबकि कुछ प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके चालू हो जाने से मरीजों को कई झंझटों से छुटकारा मिल जाएगा।