पटना: चर्चित यूट्यूबर और पत्रकार मनीष कश्यप ने पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) में हुई घटना को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि सोमवार को अस्पताल में उनके साथ करीब 200 जूनियर डॉक्टरों ने मारपीट की, जिसके चलते उन्हें गंभीर चोटें आईं और अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अब वे डिस्चार्ज हो चुके हैं और इस मामले में पूरी सच्चाई सामने लाने की मांग कर रहे हैं।
इलाज के लिए पहुंचे थे अस्पताल
मनीष कश्यप ने बताया कि वे सोमवार को PMCH इसलिए गए थे क्योंकि एक 16-17 साल की लड़की का इलाज कराना था। लड़की को शुक्रवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन शुक्रवार से लेकर रविवार तक कोई इलाज नहीं हुआ। इससे नाराज़ होकर मनीष सोमवार को अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों से इलाज न होने का कारण पूछा।
डॉक्टर से हुई बहस
जब उन्होंने डॉक्टर से इलाज में देरी का कारण पूछा, तो डॉक्टरों ने कहा कि जांच रिपोर्ट नहीं आई है, इसलिए इलाज शुरू नहीं किया गया। इस पर मनीष ने सवाल किया कि रिपोर्ट आने में कितना समय लगेगा? जवाब मिला – 48 से 72 घंटे। मनीष ने बताया कि इसके बाद वे खुद रिपोर्ट लेने निकल गए और महज 15-20 मिनट में रिपोर्ट लेकर लौट आए।
उन्होंने डॉक्टर से कहा कि अब जब रिपोर्ट आ चुकी है, तो इलाज शुरू कर देना चाहिए। इस पर डॉक्टर नाराज़ हो गए और उन्हें लगा कि मनीष उनकी डॉक्टरी पर सवाल उठा रहे हैं। बात बढ़ने लगी, और माहौल गर्म हो गया।
महिला डॉक्टर से तीखी बहस
मनीष कश्यप ने बताया कि जब उन्होंने अस्पताल में स्ट्रेचर और व्हीलचेयर की कमी का मुद्दा उठाया, तो एक महिला डॉक्टर चिल्लाने लगीं। उन्होंने कहा कि वे अस्पताल के सुपरिटेंडेंट से शिकायत करेंगे, जिस पर महिला डॉक्टर ने जवाब दिया – “जाइए जहां जाना है, जिससे शिकायत करनी है कर दीजिए।”
सुपरिटेंडेंट के ऑफिस में हुआ हमला
इसके बाद मनीष सुपरिटेंडेंट के केबिन में पहुंचे, लेकिन वहां सुपरिटेंडेंट मौजूद नहीं थे, संभवतः डिप्टी सुपरिटेंडेंट से उनकी बात हो रही थी। इसी दौरान वहां करीब 200 जूनियर डॉक्टर एकत्र हो गए और मनीष कश्यप पर हमला कर दिया। मनीष का आरोप है कि उन्हें घेरकर बेरहमी से पीटा गया।
सीसीटीवी फुटेज की मांग
मनीष कश्यप ने घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि सच्चाई जानने के लिए PMCH में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को देखा जाए, जिससे यह साफ हो सके कि उनके साथ क्या हुआ।
प्रशासन से कार्रवाई की मांग
घटना के बाद मनीष कश्यप के समर्थकों और सोशल मीडिया यूजर्स ने अस्पताल प्रशासन और सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, अस्पताल प्रबंधन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
यह मामला अब राजनीतिक रंग भी ले सकता है, क्योंकि मनीष कश्यप बिहार में सामाजिक मुद्दों को लेकर मुखर रहे हैं और उनकी हर गतिविधि पर लोगों की नजर रहती है।
(नोट: यह खबर मनीष कश्यप के बयानों और आरोपों पर आधारित है। अस्पताल प्रशासन या डॉक्टरों का पक्ष आना बाकी है।)