प्रयागराज : महाकुंभ मेला के दौरान 28 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर हुई भगदड़ में बिहार की सात महिलाओं की मौत हो गई, जबकि कई अन्य श्रद्धालु लापता हैं। इस हादसे में कुल 30 लोगों की जान चली गई और 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं। मृतकों में बिहार के गोपालगंज, औरंगाबाद, सुपौल, मुजफ्फरपुर और जहानाबाद जैसे जिलों की महिलाएं शामिल हैं।

गोपालगंज की 4 महिलाओं की मौत
प्रयागराज में मची इस भगदड़ में गोपालगंज जिले की चार महिलाओं की मौत हो गई। मृतकों में माड़नपुर गांव की शिवकली देवी (65), रामनगर गांव की सरस्वती देवी (68), श्यामपुर गांव की तारा देवी (62) और बलेसरा गांव की सुशीला देवी (62) शामिल हैं। इन सभी महिलाएं महाकुंभ में स्नान के लिए आई थीं, जहां भगदड़ के कारण उनकी जान चली गई।
लापता महिलाएं और मौत की आशंका
गोपालगंज के बलेसरा गांव की कांति देवी (65) के भी मृत होने की आशंका जताई जा रही है, जबकि विजयीपुर थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव की मुन्नी देवी, राजकुमारी देवी, शोभावती देवी और रीमा देवी लापता हैं। इन महिलाओं के परिजन अभी तक इनका कोई सुराग नहीं लगा पाए हैं, जिससे उनका परिवार चिंतित है।
औरंगाबाद और सुपौल की महिलाओं की मौत
महाकुंभ के इस हादसे में बिहार के औरंगाबाद जिले की राजरानी देवी (65) की भी मौत हो गई। राजरानी देवी अपने बेटे के साथ 27 जनवरी को प्रयागराज गई थीं। वहीं, सुपौल जिले की एक महिला की भी जान गई। मृतक महिला देहपुर के रामविशनपुर गांव की रहने वाली थी, जो अपने परिवार के साथ महाकुंभ में शामिल होने आई थीं।

मुजफ्फरपुर और जहानाबाद से भी मौतें और लापता होने की घटनाएं
मुजफ्फरपुर जिले की शिवा देवी (60) की भी इस भगदड़ में मौत हो गई। शिवा देवी जिले के मसहरी प्रखंड के रूपनाथ टोला की रहने वाली थीं। वहीं, जहानाबाद जिले के अमैन और सियामणि गांव की दो महिलाओं का भी भगदड़ के बाद कुछ पता नहीं चल रहा है। इसके अलावा, हुलासगंज थाना क्षेत्र के बौरी गांव की बबीता कुमारी भी लापता हैं।
नीतीश और तेजस्वी ने जताया शोक
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘प्रयागराज महाकुंभ में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना में श्रद्धालुओं की मृत्यु अत्यंत दुखद है। शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं’।
वहीं, राजद नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा भगदड़ में मारे गए श्रद्धालुओं की आत्मा को शांति मिले, और उनके परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है। महाकुंभ की व्यवस्थाओं में जो भी कमियां हैं, उन्हें सुधारने की आवश्यकता है।
महाकुंभ में भगदड़ : एक बड़ी त्रासदी
28 जनवरी की रात जब लाखों श्रद्धालु अमृत स्नान के लिए जुटे थे, तब अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें 30 लोगों की मौत और 90 से ज्यादा लोग घायल हो गए। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस घटना की आधिकारिक पुष्टि की, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए स्थिति की निगरानी रखने की बात कही।
महाकुंभ में हुई इस दर्दनाक घटना ने न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया है। भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए यह एक बड़ा आघात है और उनकी रिकवरी में मदद के लिए सरकार और प्रशासन ने जरूरी कदम उठाए हैं। यह घटना सुरक्षा व्यवस्था की खामियों की ओर भी इशारा करती है, जिसे भविष्य में सुधारने की जरूरत है।
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