पाकुड़ (झारखंड) : माकपा (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) पर झारखंड विधानसभा चुनाव में घुसपैठ के मुद्दे को राजनीतिक फायदे के लिए उठाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ चुनावी प्रचार के लिए इस मुद्दे को हवा दे रही है, जबकि केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस समस्या का समाधान निकाले।
भा.ज.पा. का घुसपैठ मुद्दे पर प्रचार और राज्य का शोषण
वृंदा करात ने पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा पर निशाना साधा और कहा, “घुसपैठिया शब्द अपने आप में अपमानजनक है। अगर लोग अवैध रूप से झारखंड में घुस रहे हैं, तो इसे एक कानून व्यवस्था का मुद्दा बनाना चाहिए और केंद्र सरकार को इसे गंभीरता से सुलझाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि जब झारखंड उच्च न्यायालय ने इस मामले पर केंद्र सरकार से आंकड़े मांगे, तो सरकार के पास कोई ठोस जानकारी नहीं थी, और उसने इसे सिर्फ एक संदेह के रूप में पेश किया। यह स्पष्ट रूप से भाजपा के प्रचार के लिए जहर फैलाने जैसा था।
करात ने यह भी आरोप लगाया कि घुसपैठ का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की विफलता का परिणाम है। उन्होंने कहा, “भाजपा. ने राज्य में अधिकतम समय तक शासन किया और उस दौरान झारखंड को ‘लूटखंड’ में बदल दिया।”
राहुल गांधी का प्रधानमंत्री पर कटाक्ष और माकपा की राजनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के “भूलने की बीमारी” वाले कटाक्ष पर प्रतिक्रिया देते हुए वृंदा करात ने कहा कि माकपा व्यक्तिगत हमलों में विश्वास नहीं करती। “हमारी पार्टी की राजनीति व्यक्तियों पर नहीं, बल्कि नीतियों और विचारधाराओं पर आधारित है। भा.ज.पा. ऐसी सस्ती राजनीति करती है,” करात ने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा की नीयत, नीति और विचारधारा पर हमला करना ज्यादा जरूरी है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी का असली उद्देश्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा को बढ़ावा देना और अडानी-अंबानी की लूट को और बढ़ाना है। “हम नीतियों की बात करते हैं, व्यक्तियों की नहीं,” उन्होंने जोर देते हुए कहा।
झारखंड में माकपा का उद्देश्य और भाजपा का विफल शासन
वृंदा करात ने भाजपा की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा का शासन केवल निजी स्वार्थों को पूरा करने के लिए है, जबकि माकपा का उद्देश्य राज्य के लोगों की भलाई है। उन्होंने कहा कि झारखंड में भाजपा की नीतियों ने केवल राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया है और जनता की समृद्धि को नुकसान पहुंचाया है।