प्रयागराज: महाकुंभ मेला 2025 में एक बार फिर आग लगने की घटना ने मेला क्षेत्र में हलचल मचा दी। गुरुवार को मेला क्षेत्र के सेक्टर-22 में अचानक आग लग गई, जिससे कई पंडाल और टेंट जलकर राख हो गए। राहत की बात यह रही कि जिस स्थान पर आग लगी थी, वहां उस समय कोई भी भक्त या श्रद्धालु मौजूद नहीं था, इसलिए इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई।
आग की घटना और फायर ब्रिगेड की कार्रवाई
आग लगते ही मेला प्रशासन की ओर से तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई और दमकलकर्मी मौके पर पहुंचकर आग बुझाने का प्रयास करने लगे। घटना की जानकारी मिलने के बाद मेला क्षेत्र में वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंचे, लेकिन आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है। अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस दौरान मेला प्रशासन की ओर से राहत कार्य जारी रखा गया और प्रभावित क्षेत्र से सभी को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
महाकुंभ मेला के बाद घटित दूसरी बड़ी घटना
यह घटना उस दिन के बाद हुई, जब बुधवार को महाकुंभ मेला में मौनी अमावस्या के अवसर पर एक बड़ी भगदड़ मच गई थी। इस भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई थी और 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। यूपी सरकार ने इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों के लिए 25 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। साथ ही, इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भगदड़ मामले की न्यायिक जांच के आदेश भी दिए हैं, ताकि यह पता चल सके कि आखिरकार हादसा कैसे हुआ और इसके लिए जिम्मेदार कौन था।
पहले भी हो चुकी हैं आग की घटनाएं
महाकुंभ मेला 2025 में आग की यह घटना पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले 19 जनवरी को भी महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर-19 में स्थित गीता प्रेस के कैंप में आग लगने का बड़ा हादसा हुआ था। उस घटना में भी कोई जनहानि नहीं हुई थी, लेकिन 180 कॉटेज जलकर राख हो गए थे। हादसे के कारणों की जांच के बाद यह सामने आया था कि गीता प्रेस की रसोई में चाय बनाते वक्त छोटे गैस सिलेंडर से गैस लीक हो गई थी, जिससे आग लगी। इस घटना में रसोई में रखे दो गैस सिलेंडर भी ब्लास्ट हो गए थे, लेकिन गनीमत रही कि उस समय मौके पर कोई जनहानि नहीं हुई।
महाकुंभ मेला प्रशासन की तैयारियां
महाकुंभ मेला प्रशासन के लिए यह आग की घटनाएं एक चेतावनी के रूप में सामने आई हैं। प्रशासन ने अब सुरक्षा और सुरक्षा उपकरणों की स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करना शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, सभी कैंपों और अस्थायी संरचनाओं में अग्निशमन सुविधाओं को और भी सुदृढ़ किया जाएगा, ताकि आग लगने की स्थिति में समय रहते आग पर काबू पाया जा सके।
महाकुंभ मेला, जो कि हर 12 साल में आयोजित होता है, विश्वभर से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। ऐसे में, सुरक्षा और स्वास्थ्य के मामले में प्रशासन की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।